नई दिल्ली: भाषा क्या है, इसके बारे में आपने कई बार पढ़ा होगा, कई बार डिबेट की होगी परिभाषा तो यही मिली होगी। भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात कही जाती है। लेकिन भाषा की जो परंपरा है ये आपके फैमिली, रिलेटिव और आस-पड़ोस के लोगों से काफी प्रभावित होता है। आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि भाषा को आगे बढ़ाने वाले में सबसे पहला हाथ होता है मां-बाप का। आपके बच्चे किस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं या उनकी भाषा किससे प्रभावित है अपनी मां से या पिता से आज हम उसी पर बात करेंगे।
भाषाविद अक्सर इस बात को लेकर असमंजस कि स्थिती में रहते हैं कि बच्चे की भाषा घर में किससे ज्यादा प्रभावित होती है पिता से या माता से। जब उन्होंने इस पर पूरा रिसर्च किया तो कई चीजें सामने आई। सबसे पहली चीज कि दो तरह की भाषा होती है mother tongue और father tongue
मातृ भाषा यानि मदर टंग आपकी मां से वंशानुगत ट्रांसफर होती रहती है और दूसरी तरफ पिता की भाषा यानि फादर टंग। फादर टंग के बारे में मूलत: यह कही जाती है कि यह आसपास के लोगों से प्रभावित रहती है साथ ही वह ज्यादा से ज्यादा लोगों से प्रभावित रहती है क्योंकि एक पुरूष ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलता है। उनसे प्रभावित होता है जिससे उसकी भाषा भी प्रभावित होती है। वहीं दूसरी तरफ लड़कियां हो या औरते घर में ज्यादा होती है तो उनकी भाषा अपनी फैमिली या रिलेटिव से ज्यादा प्रभावित होती है।
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