न्यूयॉर्क: हाल में हुए एक ताजा अध्ययन के अनुसार, भिन्न राजनीतिक मत रखने वाले व्यक्तियों के बीच रहने से गहरे संबंध बनाने की आपकी योग्यता प्रभावित हो सकती है और यहां तक कि इससे आपके व्यक्तित्व में भी बदलाव आ सकता है।
मुख्य अध्ययनकर्ता मिशिगन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर विलियम चोपिक का कहना है कि इस अध्ययन में मिले परिणाम से इसे समझा जा सकता है कि आखिर रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दो धड़ों में बंट चुके अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग क्यों अपने अनुकूल राजनीतिक माहौल वाली जगहों पर बस रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में जिन राज्यों की जनता ने रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में मतदान किया है, उन्हें रेड स्टेट और जिन राज्यों की जनता ने डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में मतदान किया है, उसे ब्लू स्टेट कहा जा रहा है।
चोपिक ने कहा कि दोनों राजनीतिक मान्यताओं को मानने वालों के बीच रहना व्यक्तिगत हित को बढ़ावा देने वाला साबित हो रहा है, लेकिन इससे स्वस्थ राजनीतिक बहस की गुंजाइश कम होती जा रही है।
चोपिक विस्तार से बताते हैं, "अगर आप रुढ़िवादी हैं और यदि आप किसी पारंपरिक रूढ़िवादी जगह पर या उदारवादी जगह पर रहने के लिए जाते हैं तो संभव है आप खुश रहें। लेकिन इसके कारण भिन्न राजनीतिक मत मानने वालों के बीच गतिरोध या ध्रुवीकरण बढ़ने की भी संभावना है।"
शोध पत्रिका 'सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनॉलिटी साइंस' के ताजा अंक में प्रकाशित इस शोध-पत्र में राष्ट्रीय सर्वेक्षण के 19,162 लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।
अध्ययनकर्ताओं ने इस अध्ययन में हिस्सा लेने वाले लोगों के राजनीतिक रुझान, विचारधारा और व्यक्तित्व जैसे व्यग्रता या टालमटोलपन को ध्यान में रखा है।
अध्ययन के अनुसार, भिन्न राजनीतिक मत को मानने वालों के बीच रहने से मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है।
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