न्यूयार्क: स्कूल जाने से पहले ही बच्चे लगभग तीन वर्ष की आयु तक अक्षरों और कागज पर खींची गई टेढ़ी-मेढ़ी लकीरों का अंतर समझने लगते हैं। यह काबिलियत इस बात का संकेत है कि अब आपका बच्चा पढ़ाई-लिखाई के लिए तैयार है।
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एक नए शोध से यह बात सामने आई है। अधिकतर बच्चे पांच साल की आयु और प्लेस्कूल जाने से पहले औपचारिक तौर पर कोई शिक्षा ग्रहण नहीं करते हैं, लेकिन अध्ययन इस बात का संकेत देता है कि तीन साल की उम्र में आप बच्चों की पढ़ने और सीखने की क्षमता का परीक्षण कर सकते हैं।
अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधार्थी और इस अध्ययन के सह लेखक रेबेका ट्रीमेन ने बताया, "हमारा अध्ययन यह बताता है कि बच्चों को इतनी कम उम्र में भी लेखन का आश्चर्यजनक ज्ञान होता है।"
इस अध्ययन में तीन से पांच वर्ष आयुवर्ग के 114 बच्चों को शामिल किया गया, जिन्हें लिखने और पढ़ने की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं दी गई थी।
इस परीक्षण के दौरान देखा गया कि बच्चे कैसे किसी लिखित शब्द को समझते हैं। उदाहरण के लिए बच्चों पर 'डॉग' शब्द का परीक्षण किया गया। 'डॉग' शब्द के विशिष्ट उच्चारण की तुलना 'डॉग' का चरित्र बनाकर की गई। जो कुत्ते और पप्पी की सही आकृति प्रदर्शित कर रही थी। पहले परीक्षण में शोधार्थियों ने बच्चों में 'डॉग' शब्द का परीक्षण किया।
दूसरे परीक्षण में 'डॉग' के स्थान पर 'पप्पी' को शामिल किया गया। लेकिन यहां बच्चे 'पप्पी' और 'डॉग' का अंतर समझने में गलती कर गए। वहीं जब यह प्रक्रिया आकृति के अनुसार दोहराई गई तब बच्चों ने 'पप्पी' को 'डॉग' का वैकल्पिक रूप बताया।
यह अध्ययन पत्रिका 'चाइल्ड डेवलपमेंट' में प्रकाशित हुआ है।
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