Kedarnath Yatra: दो साल के अंतराल के बाद केदारनाथ धाम यात्रा के लिए दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं को भी इस यात्रा में शामिल होने की अनुमति मिल गई है। कोरोना वायरस के फैले संक्रमण के चलते अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को इस यात्रा में शामिल नहीं किया गया था। अब जब अन्य राज्य के लोगों को इस यात्रा में शामिल होने की अनुमति मिल गई है, जिस वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए प्रशासन पहले से ही मुस्तैद है, मगर चंद ऐसे लोग भी हैं जो पहली बार केदारनाथ धाम की यात्रा कर रहे हैं जिन्हें इसका खास ख्याल रखने की जरूरत है। 11750 फिट की ऊंचाई पर बसे केदारनाथ धाम का मौसम कब करवट ले ले यह कोई नहीं जानता। पहली बार जा रहे लोगों को मौसम के लिहाज से इंतजामात करना चाहिए। बदलते मौसम के कारण केदारनाथ जा रहे यात्रियों को अपनी हेल्थ के बारे में प्रॉपर चेकअप करा कर इस यात्रा को शुरू करना चाहिए।
11750 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम पर लोगों को सांस लेने की समस्या हो सकती है। अमूमन 8 हजार फिट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की जरूरत होने लगती हैं। ऐसे में केदारनाथ धाम में 57 फीसदी ही ऑक्सीजन मौजूद है, जिसके चलते मतली आना, चक्कर आना, बेचैनी जैसी समस्या आ सकती है।
केदारनाथ यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- केदारनाथ धाम की यात्रा बिना रजिस्ट्रेशन के शुरू न करें
- ठंड को ध्यान में रखते हुए गर्म कपड़ों को ले जाना न भूलें
- किसी खास तरह की बीमारी जैसे - हार्ट, बीपी, डायबिटीज के मरीजों को इस यात्रा के दौरान विशेष ध्यान रखना जरूरी है
- रास्ते में जंक फूड का सेवन न करें, ऐसा करने से डाइजेशन से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं
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