हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक हर माह की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी या संकष्टी चतुर्थी होती है। हर माह के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा का विधान है। विनायक चतुर्थी पर उनके मंत्रों का जाप करना और उनके निमित्त विशेष उपाय करना आपके लिए बड़ा ही लाभकारी सिद्ध होगा। भगवान श्री गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। आज गणेश जी का व्रत और पूजन करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और गणेश जी खुश होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।
विनायक चतुर्थी 2022 पूजा शुभ मुहूर्त
- चतुर्थी तिथि :आज रात 9 बजकर 11 मिनट तक
- विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त: 6 मार्च 2022 को प्रात: 11 बजकर 22 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक
ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश का पूजन दोपहर के समय करना अच्छा और शुभ माना जाता है।
2022 की गणेश विनायक चतुर्थी कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है। इस बार यह तिथि 6 मार्च 2022 को पड़ रही है।
विनायक चतुर्थी 2022 पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन उपासक सुबह उठकर स्नानादि करके लाला रंग का साफ सुथरा कपड़ा पहनें। फिर भगवान गणेश जी को पीले फूलों की माला अर्पित करें। उसके बाद गणेश भगवान की प्रतिमा के सामने धूप दीप प्रज्वलित करके नैवेद्य, अक्षत उनका प्रिय दूर्वा घास, रोली अक्षत चढ़ाएं। इसके बाद भगवान गणेश को भोग लगाएं। आखिरी में व्रत कथा पढ़कर गणेश जी की आरती करें। फिर शाम को व्रत कथा पढ़कर चंद्रदर्शन करने के बाद व्रत को खोलें।
विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं। भक्तों के कार्यों में आने वाले संकटों को दूर करते हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति के कार्य बिना विघ्न बाधा के पूर्ण होते हैं। वे शुभता के प्रतीक हैं और प्रथम पूज्य भी हैं, इसलिए कोई भी कार्य करने से पूर्व श्री गणेश जी की पूजा की जाती है।
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