Vastu Tips: निर्णयसिंधु और दुर्गार्चन पद्धति में कुमारी भोजन का विधान बताया गया है। कुमारी भोजन के पांच हिस्से हैं- आयी हुई कन्याओं के हाथ पैर धुलाना, उनके मस्तक पर टीका लगाना, उनका नीराजन करना, उन्हें भोजन कराना, उन्हें दक्षिणा देना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना, ध्यान रहे कि पूर्व दिशा की ओर मुख करके कन्याओं को अर्घ्य और पाद्य देना चाहिए, दक्षिण-पूर्व की ओर मुख करके नीराजन करना चाहिए, उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके टीका लगाना चाहिए।
सम्मुख होकर उन्हें भोजन देना चाहिए, ऊपर की ओर देखकर दक्षिणा देनी चाहिए और पृथ्वी की ओर देखते हुए आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए। 2 वर्ष से कम की कुमारियों को सबसे पहले बैठाना चाहिए, फिर 3 वर्ष की और फिर अन्य कन्याओं को आसन देना चाहिए। स्वयं कुश के आसन पर ही बैठना चाहिए। नवमी के दिन जिस घर में कुमारिकाएं प्रसन्नतापूर्वक भोजन ग्रहण करती हैं। उस घर में कोई वास्तु प्रभावी नहीं होता, सब आनंद होता है।
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