वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए शयनकक्ष की दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी का शयनकक्ष कभी भी आग्नेय कोण में नहीं होना चाहिए। इस कोण में कमरा होने से पति-पत्नी के बीच बिना वजह कलह होती रहती है जिससे दोनों के बीच अनबन होती है।
दोनों बस एक-दूसरे की बुराई व कमियां ढ़ूंढने में ही लगे रहते हैं। साथ ही इस कोण में शयनकक्ष होने से फालतू का खर्च भी बढ़ता है क्योंकि आग्नेय कोण में सोने पर क्रोध अपनी चरम सीमा पर होता है, जो संबंध विच्छेद का कारण भी बनता है। फिर चाहें वह संबंध पति-पत्नी का हो, पिता-पुत्र का हो या किसी और का।
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