बाजार जाते वक्त हमें कई तरह की दुकानें किराने की, स्टेशनरी की, कपड़ों की, सुनार की और न जाने किस-किस चीज की दुकानें देखने को मिलती हैं। सब दुकानों की अपनी एक अलग पहचान होती है, लेकिन इन दुकानों पर एक ही तरह का वास्तु नियम लागू होता है।
दुकान में प्रवेश द्वार ही वो जगह होती है जिस पर ग्राहक की सबसे पहली नजर पड़ती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दुकान में प्रवेश द्वार के लिए पूर्व दिशा, उत्तर दिशा तथा ईशान कोण का चुनाव करना चाहिए। जबकि पश्चिम दिशा और दक्षिण दिशा में दुकान का प्रवेश द्वार कभी भी नहीं बनवाना चाहिए, इससे व्यापार में परेशानी आती है।
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