रविवार का दिन ज्योतिषशास्त्र की नजर से देखा जाए तो बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। सामान्य तौर पर लोग इसे छुट्टी के दिन के रूप में देखते हैं लेकिन अगर ज्योतिष में विश्वास है तो ये दिन सूर्य देव की आराधना के साथ साथ वरिष्ठ और ज्येष्ठ यानी सीनियर लोगों के आदर का दिन भी माना जाता है।
ग्रहों के राजा के तौर पर माने जाने वाले सूर्य भगवान इस दिन सूर्य पूजा पर विशेष फल देते हैं। लेकिन शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य से संबंध रखने वाले लोगों का निरादर नहीं करना चाहिए।
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कौन है सूर्य से संबंधित लोग
एक परिवार की बात करें तो किसी जातक की कुंडली में उसका पिता सूर्य का कारक माना जाता है। यानी श्रेष्ठ व्यक्ति पिता हुए। ऐसे में किसी महिला की बात की जाए तो महिला की कुंडली में उसका जीवनसाथी सूर्य का कारक माना जाता है।
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इसलिए रविवार के दिन इन दो कारकों से बहस, इनका निरादर कतई नहीं करने की सलाह शास्त्रों में दी गई है। कहा जाता है कि यदि रविवार के दिन अपने से श्रेष्ठ रिश्ते जैसे पिता, पति, बड़ा भाई और ज्येष्ठ परिजनों का निरादर किया जाए या इनसे बहस की जाए तो सूर्यदेव रुष्ट होकर कुंडली में अशुभ फल देने लगते हैं।
तुलसी को जल ना चढ़ाएं
रविवार के दिन तुलसी को जल भी अर्पित नहीं करना चाहिए और ना ही इसके पत्तों को तोड़ना चाहिए।
काले कपड़ों से करें तौबा
रविवार को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। काला रंग शनिदेव का प्रतीक है और शनि और सूर्य की शुत्रता का भाव है। इसलिए रविवार को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए वरना सूर्यदेव रुष्ट होकर अशुभ फल देते हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें।
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