Shani Transit 2022: ग्रहों के सेनापति शनिदेव 12 जुलाई को राशि बदलने वाले हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक, इस दिन शनि सुबह करीब 10 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि में विराजमान होंगे। वर्तमान समय में शनि कुंभ राशि में भी वक्री अवस्था में है। शनि के राशि परिवर्तन करने से इंसान के जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं। आइए जानते हैं शनि के मकर में प्रवेश करने से किन राशियों को ढैय्या से छुटकारा मिलेगा और कौन सी राशियां इनकी चपेट में आएंगी।
ढैय्या से किन राशियों को मिलेगी मुक्ति
29 अप्रैल 2022 को शनि ने कुंभ राशि में गोचर किया था, तब कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगी थी। अब 12 जुलाई 2022 को शनि के मकर में प्रवेश करने से इन दोनों राशि के जातकों की ढैय्या समाप्त हो जाएगी, लेकिन ये राहत सिर्फ 6 महीने के लिए ही है। 17 जनवरी 2023 से दोबारा कर्क और वृश्चिक राशि में शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो जाएगा।
इन राशियों पर लगेगी शनि की ढैय्या
शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे। इससे कई राशियों पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा। शनि के मकर राशि में परिवर्तन से मिथुन और तुला राशि के जातक शनि की ढैय्या की चपेट में आ जाएंगे। इन दो राशि के लोगों को 6 महीने यानी की 17 जनवरी 2023 तक शनि के अशुभ प्रभाव झेलने होंगे। शनि की ढैय्या के समय जातक को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्टों से गुजरना पड़ता है।
साढ़े साती और ढैय्या के उपाय
साढ़े साती या ढैय्या के अशुभ परिणामों से बचने के लिए शनि महाराज को खुश रखना चाहिए जिससे जीवन सरलता से चल सके। इस समय शनि का दान, मंत्र जाप, पूजन आदि करने से काफी राहत मिलती है।
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
शनि की क्रूर दृष्टि व्यक्ति तो बर्बाद कर देती है, लेकिन शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है। शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि के अशुभ प्रभाव से बचना है, तो शनिवार को इनकी पूजा कर उन्हें तेल अर्पित करें। शनिवार के दिन हनुमान जी की आराधना जरूर करें। मान्यता है कि शनिदेव हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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