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शनि के मित्र हैं इन राशियों के स्वामी, यहां शुभ फल देती हैं शनिदेव की नजर

शनि ग्रह यूं तो कर्म के आधार पर फल देते हैं लेकिन कुंडली में इनकी स्थिति औऱ गोचर बदलने पर इनके शत्रु ग्रहों की राशियों को नुकसान होता है।

shani dev- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA shani dev

ज्योतिष में नवग्रह के बारे में काफी विस्तार से बताया गया है। कुंडली में सभी नौ ग्रह अपने अपने घर में अलग परिणाम देते हैं औऱ दूसरे किसी घर में गोचर करने पर अलग परिणाम देते हैं। दोस्त और दुश्मनों की बात की जाए तो ग्रहों में भी दोस्ती और दुश्मनी देखी जाती है।

शनि ग्रह जिसकी सजा को लेकर लोग सबसे ज्यादा डरते हैं, उसके मित्र ग्रहों की बात की जाए तो बुध और शुक्र ग्रह को शनि का मित्र ग्रह बताया जाता है। ये ग्रह अगर साथ में एक भाव में जाएं तो शुभ परिणाम देते हैं।

वहीं गुरु शनि के सम माने जाते हैं। यानी ना दोस्ती ना दुश्मनी। 

शनि के शत्रु ग्रहों की बात की जाए तो सूर्य, चन्द्रमा और मंगल शनि के लिये शत्रु समान हैं। यानी ये ग्रह अगर शनि के साथ किसी घर में हुए और शनि क्रूर परिणाम ही देंगे। 

ऐसे ही कारक वस्तुओं के बारे में कहा जाता है कि शनि के शत्र ग्रहों की कारक वस्तुओं को शनि की वस्तुओं के साथ नही रखना चाहिए। जबकि शनि के मित्र ग्रहों की कारक वस्तुओं को शनि की वस्तुओं के  साथ रखा जा सकता है। 

जहां तक सम यानी गुरु ग्रह की बात है तो गुरु संबंधी चीज़ों जैसे पीले रंग की कोई चीज़, पीली दाल, केसर आदि को भी शनि संबंधी चीज़ों के साथ रखा जा सकता है, लेकिन एक डिस्टेंस मेन्टेन करके।

शनि ग्रह की बात करें तो शनि मकर औऱ कुंभ राशि के स्वामी हैं और अपने शत्रु ग्रहों की राशियों पर इनकी टेढ़ी दृष्टि ही रहती है। 

जैसे मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं, इस राशि के लोगों के शनि के प्रतिकूल प्रभाव सहने होते हैं। 
वृष राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं औऱ शनि इनके मित्र हैं, इसलिए इस राशि को शनि के शुभ फल मिलते हैं।

कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं और सिंह राशि के सूर्य हैं। शत्रु ग्रह की राशि होने के नाते इन दोनों ही राशियों पर शनिदेव के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है। 

कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध है लेकिन साथ ही बुध सूर्य के लिए भी सम है, इसलिए शनि इन राशियों पर ज्यादा कृपा नहीं बरसाते। 

जहां तक धनु और मीन राशि वालों की बात है, इन राशियों के स्वामी ग्रह गुरु हैं, इसलिए इन राशि के जातकों के साथ शनि समभाव रहते हैं।

मकर और कुंभ राशियों के स्वामी देवता स्वयं शनिदेव हैं, इसलिए सामान्य तौर पर यह कहा जाता है कि इन राशियों के जातकों को इसकी वजह से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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