Sawan 2022: सावन के दूसरे सोमवार पर बन रहा है तीन शुभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
Sawan Second Somvar 2022: आइए जानते हैं शुभ संयोग, दूसरे सोमवार की पूजा- विधि, मुहूर्त, मंत्र और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में।
Highlights
- सावन महीने का दूसरा सोमवार कल यानी 25 जुलाई को पड़ रहा है।
- इस बार दूसरे सोमवार पर प्रदोष व्रत के साथ-साथ तीन शुभ संयोग बन रहा है।
Sawan Second Somvar 2022: सावन के पावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है। सावन का महीना 12 अगस्त तक रहेगा। वहीं सावन महीने का दूसरा सोमवार कल यानी 25 जुलाई को पड़ रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस बार दूसरे सोमवार पर प्रदोष व्रत के साथ-साथ तीन शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं शुभ संयोग, दूसरे सोमवार की पूजा- विधि, मुहूर्त, मंत्र और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में।
दूसरे सोमवार पर बन रहे एक साथ तीन शुभ संयोग
इस दिन प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है। मान्यताओं के अनुसार,प्रदोष व्रत भी भगवान शंकर को समर्पित होता है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि के साथ धुव्र योग बन रहा है। कहा जाता है कि सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग में किए गए कार्यों का फल शीघ्र प्राप्त होता है। इस योग में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।
दूसरे सोमवार की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठ जाएं और फिर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- उसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
- सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से अभिषेक करें।
- उसके बाद शिवलिंग और भगवान शिव को गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
- शिवजी को सफेद फूल अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र, दही, शहद, तुलसी चढ़ाएं।
- अब भोलेनाथ को पांच प्रकार के फल चढ़ाए और भोग लगाएं।
- उसके बाद शिवजी की आरती करें।
- पूरे दिन सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं।
- इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का मंत्र जाप करें।
सावन सोमवार की लिस्ट
- सावन मास का पहला दिन - 14 जुलाई 2022, दिन गुरुवार
- सावन सोमवार व्रत - 18 जुलाई 2022, सोमवार
- सावन सोमवार व्रत - 25 जुलाई 2022, सोमवार
- सावन सोमवार व्रत - 01 अगस्त 2022 सोमवार
- सावन सोमवार व्रत - 08 अगस्त 2022, सोमवार
- सावन मास का अंतिम दिन - 12 अगस्त 2022, शुक्रवार
पूजन सामग्री
भोलेनाथ की पूजा करने के लिए फुल, पंच फल, पंचमेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती जी की सोलह श्रृंगार के समान की जरूरत पड़ेगी।
सावन सोमवार का महत्व
सावन सोमवार का काफी अधिक महत्व होता है। सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय होता है।
भगवान शिव के मंत्र
सावन के हर सोमवार को इस मंत्र का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि इसका जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिव जी का पंचाक्षर मंत्र: ऊँ नम: शिवाय।।
महामृत्युंजय मंत्र
- ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
- ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
- भगवान शिव के प्रिय मंत्र
- ॐ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।
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