हमारी हथेली पर अलग अलग तरह की रेखाओं के मिलन से कई तरह की आकृतियां बन जाती हैं। ऐसे में किसी की हथेली पर ऊं, किसी की हथेली पर शंख या चक्र तो कहीं किसी की हथेली पर स्वास्तिक का निशान बन जाता है। स्वास्तिक का चिन्ह हिंदू मान्यताओं में काफी शुभ माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से शुभ लाभ लिखने के दौरान स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है।
हमारी संस्कृति में स्वास्तिक के चिन्ह का बहुत महत्व है। घर में कोई शुभ काम हो, विवाह हो या आपने कोई नया वाहन लिया हो, इस तरह के सारे कार्यों में स्वास्तिक का चिन्ह बहुत अहमियत रखता है और ये शुभता का संदेश देता है। सरल भाषा में कहें तो ये सौभाग्य का सूचक है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की हथेली में स्वास्तिक का चिन्ह बना होता है, वो लोग धन-दौलत के मामले में हमेशा सुखी रहते हैं। इन्हें पैसों की कभी कमी महसूस नहीं होती है। साथ ही समाज के लोगों में भी इनका बहुत सम्मान होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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