ऐसा अक्सर देखा गया है कि लोगों के स्वाभाव के बारे में उसके शारीरिक बनावट पता चल जाता है। अक्सर आपने ऊपर उठे हुए मोटे स्थूल होंठ वाले लोगों को देखा होगा। मोटे होठ वाले लोगों का स्वाभाव किस तरह का होता है और समाज में ऐसे लोग किस तरह से पेश आते हैं आइए जानते हैं ऐसे लोगों के बारे में।
आपको बता दें, सामुद्रिक शास्त्र वैदिक परंपरा का हिस्सा है, इसमें चेहरा पढ़ने, आभा पढ़ने और पूरे शरीर के विश्लेषण का अध्ययन होता है। समुद्रिका शास्त्र एक संस्कृत शब्द है जिसका अनुवाद मोटे तौर पर "शरीर की विशेषताओं का ज्ञान" के रूप में किया जाता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस किसी का ऊपरी होंठ मोटा या स्थूल हो, ऐसे लोगों का मानसिक स्तर अन्य लोगों की तुलना में कम होता है। इन लोगों के अंदर मानसिक चेतना का, यानी सूझ बूझ का अभाव होता है। किसी भी बात को सोचने समझने में इन लोगों को बहुत अधिक समय लग जाता है। ये बात को देर में समझते हैं और देर में उसका उत्तर देते हैं। ये लोग बहुत जल्दी कोई निर्णय नहीं ले पाते। ये शरीर से भी मोटे होते हैं। साथ ही खान पान के शौकीन होते हैं और शारीरिक रूप से मेहनत करने वाले होते हैं ।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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