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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Pradosh Vrat 2022: 15 मार्च को है भौम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Pradosh Vrat 2022: 15 मार्च को है भौम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, धन, धान्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है।

Bhauma Pradosh Vrat 2022- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Bhauma Pradosh Vrat 2022

Highlights

  • 14 मार्च को भौम प्रदोष व्रत पड़ रहा है।
  • इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करें।

प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान शंकर को समर्पित प्रदोष व्रत करने का विधान है। त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर यानि दिन छिपने के तुरंत बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं और प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही किया जाता है।  मार्च माह में 2 प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं। जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि। 

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प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 15 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर। यह तिथि अगले दिन 16 मार्च बुधवार को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक है।  

भौम प्रदोष व्रत करने की विधि

प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर भगवान शिव का स्मरण करें। इसके साथ ही इस व्रत का संकल्प करें और दिनभर बिना अन्न ग्रहण किए व्रत रखें। इसके साथ ही भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करके दिनभर शिव मंत्र का जाप करते रहें। 

शाम को सूर्यास्त होने के एक घंटें पहले स्नान करके सफेद कपड़े पहनें। इसके बाद ईशान कोण में किसी एकांत जगह पूजा करने की जगह बनाएं। इसके लिए सबसे पहले गंगाजल से उस जगह को शुद्ध करें फिर इसे गाय के गोबर से लिप लें। इसके बाद पद्म पुष्प की आकृति को पांच रंगों से मिलाकर चौक को तैयार करें। इसके बाद आप कुश के आसन में उत्तर-पूर्व की दिशा में बैठकर भगवान शिव की पूजा करें।

भगवान शिव का जलाभिषेक करें, साथ ही 'ऊं नम: शिवाय:' का जाप भी करते रहें। इसके बाद भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल, अक्षत और धूप-दीप आदि से पूजा कर लें और फिर इस कथा को सुन कर आरती करें और प्रसाद सभी को बांट दें।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व

भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, धन, धान्य, संतान आदि  की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव जी कृपा से रोग और दोष दूर होते हैं। अगर आपको कोई रोग है तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप प्रदोष व्रत कर सकते हैं। इससे आपको लाभ मिल सकता है। 

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