इस तरह करें पीपल की पूजा, कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव मिटेगा, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
कुंडली में अगर कोई ग्रह कमजोर है तो पीपल वृक्ष की पूजा करके उसकी स्थिति में सुधार किया जा सकता है।
सनातन धर्म में पीपल को देवताओं का वृक्ष कहा गया है। कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष के हर पत्ते पर देवताओं का निवास होता है। पीपल की पूजा करने पर ग्रह शांत होते हैं और पीपल की पूजा करने वालों पर सदैव देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ पर शनिवार को साक्षात मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु विराजमान होते हैं। इसलिए शास्त्रों मे पीपल की पूजा के शुभ फल बताए गए हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि कुंडली के दोष दूर करने हो तो पीपल की पूजा करना काफी शुभ होता है। इसकी आयु बहुत लंबी होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि पीपल का पेड़ लगाने से व्यक्ति दीर्घायु होता है और उसके वंश का नाश नहीं होता है।
चलिए जानते है कि पीपल की पूजा कैसे फलदायी होती है -
- रविवार को छोड़कर हर दिन खासकर शनिवार को पीपल को जलाभिषेक किया जाए तो कुंडली के कमजोर ग्रह मजबूत होते हैं।
- पीपल की परिक्रमा करने से कुंडली में व्याप्त काल सर्पदोष से मुक्ति मिलने के संयोग बनते हैं।
- शनिवार के दिन पीपल को दोनों हाथों से छूते हुए ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
- जिसकी कुंडली में पितृ दोष लगा हो वो जातक पीपल का पेड़ लगाकर उसकी देखभाल करे तो राहत मिलती है।
- शनि की साढ़े साती, ढैया और बुरे प्रभाव से जूझ रहे लोगों को हर शनिवार को पीपल के पेड़ पर गुड़, दूध मिश्रित जल चढ़ाना चाहिए।
- शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ये नियम करने से
- पीपल के नीचे इसके 11 पत्तों को तोड़कर इन पर चंदन की स्याही से इन पर जय श्री राम लिखने के बाद इन पत्तों की माला बनाएं और मंदिर में जाकर हनुमान जी को पहना दें। शनिदेव का कोप खत्म हो जाएगा और विपदाएं दूर होंगी।
- यदि किसी व्यक्ति की बीमारी लंबे समय से ठीक नहीं हो रही है तो उसके तकिया के नीचे पीपल की जड़ रखने पर उसे जल्द स्वास्थ्य लाभ मिलने लगता है।
ध्यान रखने योग्य बातें - पीपल की पूजा सूर्योदय से पहले नहीं करनी चाहिए और रविवार को पीपल को जल अर्पित करना या इसकी पूजा नहीं करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इसलिए उपाय करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह लें।