हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले शुभ-अशुभ मुहूर्तों का पूरा ध्यान रखा जाता है, जिससे कि आने वाले समय में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न हो। ऐसे ही एक समय आता हैं, जिसमें शुभ काम करने की मनाही होती है। ज्योतिष शास्त्र में इसे पंचक के नाम से जाना जाता है। बता दें कि साल 2022 का पहला पंचक 5 जनवरी से शुरू हो रहे हैं।
जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है तो उस समय को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा एक राशि में लगभग ढाई दिन रहता है। इस तरह इन दो राशियों में चंद्रमा पांच दिनों तक भ्रमण करता है। इन पांच दिनों के दौरान चंद्रमा पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है, जिसके कारण इसे पांच दिन का पंचक कहा जाता है।
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ज्योतिष के अनुसार दिन के हिसाब से सभी पंचक का प्रभाव अलग-अलग होता है। यह इस बात पर निर्भर है कि पंचक की शुरूआत किस दिन से हुई है। साल का पहला पंचक बुधवार को शुरू हो रहा है। इसलिए यह अशुभ पंचक कहलाएगा। जानिए पंचक का समय और इस दौरान कौन से काम करने की है मनाही।
पंचक कब से कब तक? आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार पंचक 5 जनवरी 2022 की शाम 7 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 10 जनवरी की सुबह 8 बजकर 49 मिनट तक पंचक रहेंगे।
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पंचक के दौरान न करें ये काम - पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में अशांति बनी रहती है।
- पंचक के दिनों में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा कहा जाता है।
- घर में लकड़ी आदि का कार्य या घर बनाने के लिए लकड़ी या घास इकट्ठी करना जैसे कार्यों से बचना चाहिए।
- अगर किसी की शादी हुई है तो नई दुल्हन को घर नहीं लाना चाहिए और न ही विदा करना चाहिए।
- पंचक के दौरान चारपाई या बेड खरीदना या बनवाना नहीं चाहिए।
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