हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ-साथ भक्त व्रत भी रखते हैं। इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के साथ रुद्राभिषेक करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलने के साथ सभी इच्छाएं पूरी होती है। वहीं इस साल महाशिवरात्रि के दिन से ही पंचक शुरू हो रहे हैं। पंचक शुरू से लेकर अगले पांच दिनों तक कुछ काम करने की मनाही होती है।
महाशिवरात्रि 2022 में पंचक का समय
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार पंचक 1 मार्च को शाम 4 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 6 मार्च तड़के 2 बजकर 29 मिनट तक रहेंगे।
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कब पड़ते है पंचक
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, धनिष्ठा से लेकर रेवती नक्षत्र तक पंचक रहते है और इस दौरान घर की छत बनाना, लकड़ी इकठ्ठी करना, चारपाई, बेड बनवाना या लेना वर्जित होता है | इस दौरान ऐसा करने से इन सबके शुभ परिणाम नहीं मिलते है।
पंचक के दौरान न करें ये काम
शास्त्रों के अनुसार, पंचक के दौरान कुछ चीजों को करना निषेध बताया गया है।
अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।
संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।
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इस श्लोक के अनुसार, पंचक के दौरान घर में लकड़ी आदि का कार्य या घर बनाने के लिये लकड़ी इकट्ठी करना, छत का निर्माण करना , अंतिम संस्कार करना , पलंग या चारपाई बनाना फिर दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने की मनाही होती है।
पंचक के दौरान अगर किसी व्यक्ति का निधन हो जाता है तो इसके लिए गरुण पुराण में एक खास उपाय बताया गया है जिसे करने से पंचक दोष नहीं लगता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, किसी योग्य पंडित को बुलाकर आटे, बेसन या कुश से बने पांच पुतलों को अर्थी पर रखकर विधि-विधान के साथ शव के साथ ही इनका भी अंतिम संस्कार करना चाहिए।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इसका पालन करने से पहले संबंधित क्षेत्र से विशेषज्ञ से सलाह लें।
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