घर में भूलकर भी ना लगाएं ये पेड़ और पौधे, घर की सुख शांति और समृद्धि पर पड़ेगा बुरा असर
घऱ के लिए कई पेड़ पौधे शुभ होते हैं। इसी तरह कुछ अशुभ पेड पौधे भी हैं जिन्हें ना लगाने की सलाह ज्योतिष शास्त्र में दी गई है।
घर की सुंदरता, हरियाली और खुशहाली के लिए घर आंगन में पेड़ पौधे लगाना काफी फायदेमंद है। ज्योतिष की बात करें तो यहां भी कई शुभ औऱ अशुभ पेड़ पौधों के बारे में बताया गया है जिसका पालन करके आप अपने घर परिवार का शुभ कर सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जिन्हे घर में लगाने से घर और परिवार को बड़े नुकसान भी पहुंचते हैं। वास्तु शास्त्र में भी इन पौधों को घर में लगाने की सख्ती से मनाही की गई है।
चलिए जानते हैं ऐसे पौधों के बारे में जिन्हें घर में नहीं लगाना चाहिए
बोनसाई पौधे
जापानी भाषा में बोनसाई का मतलब है "बौने पौधे"। यानी पौधों की ऐसी प्रजाति जिसे बढ़ने से रोका जाता है और खासतौर पर तैयार किया जाता है। लगभग हर तरह के पेड़ का बोनसाई बनाया जा सकता है। बोनसाई देखने में तो अच्छे लगते हैं लेकिन ज्योतिष की नजर से देखें तो इन्हें घर में नहीं लगाना चाहिए क्योकि ज्योतिष हर उस चीज को गलत मानता है जिसे बढ़ने से रोका जाता है। कहते हैं कि बोनसाई पौधे घर में लगाने से घर में तरक्की रुक जाती है औऱ बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ता है।
इमली
स्वाद में खट्टी इमली यूं तो सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन इसे घर में नहीं रोपना चाहिए। इससे घर में डर और नकारात्मकता का माहौल व्याप्त होता है।
बबूल
बबूल को लेकर हमारे समाज में कई तरह की कहावतें भी प्रचलित हैं। ये कांटेदार पौधा घर में लगाया तो नकारात्मकता फैलाता है और घर में कंगाली लाता है। इसे घर में लगाया तो घर के लोग मानसिक तनाव के शिकार होते हैं औऱ बीमारियां घर पर हमला कर देती हैं।
मेहंदी
मेहंदी यूं तो हमारे हर तीज त्यौहार, उत्सव और पूजा पाठ में काम आती है लेकिन इसका पौधा घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि मेहंदी के पौधे के नजदीक नकारात्मक शक्तियां मौजूद रहती हैं औऱ इसे लगाने से घर में निगेटिविटी बढ़ती है।
कपास
ये पौधा कपास देता है जिससे कपड़े बनते हैं। लेकिन ज्योतिष की नजर से देखें तो इसे घर में लगाने से दुर्भाग्य और कंगाली आती है। आपसी रिश्तों में गलतफहमी आती है और निगेटिव माहौल बनता है। इसलिए कपास के पौधे को घर में नहीं लगाना चाहिए।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।