A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या कब है, जानिए तारीख और पूजा विधि

Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या कब है, जानिए तारीख और पूजा विधि

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर ब्राह्मण या गरीब को दान करने से पुण्य फल मिलते हैं।

Mauni Amavasya 2022- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/HERITAGE_AT_MALL Mauni Amavasya 2022

Highlights

  • मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत रखें।
  • सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें।

माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है और स्नान दान का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन दान करने पर व्यक्ति की कुंडली में मौजूद सभी ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन ऋषि, मनु का जन्म हुआ था। इस दिन मौन व्रत रखने की भी परंपरा कई जगहों पर लोग निभाते है। 

इस साल मौनी अमावस्या 5 फरवरी, शनिवार 2022 को पड़ रही है। माघ के महीने में पड़ने के वजह से इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है

बसंत पंचमी पर बनता है विवाह का सबसे उत्तम योग, जानिए इस दिन कौन कर सकता है शादी

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर ब्राह्मण या गरीब को दान करने से पुण्य फल मिलते हैं। आप गंगा स्नान नहीं कर पा रहे तो घर में ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर आप स्नान कर सकते हैं, इससे भी वही पु्ण्य फल मिलेगा।

मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला तथा कम्बल का दान करने से जीवन में सुख समृद्धि का प्रवेश होता है। कहा जाता है कि इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।

पिता से झगड़ा, फैसलों में नाकामी दिलाता है कुंडली में कमजोर सूर्य, मजबूत करने के लिए करें ये उपाय

मौनी अमावस्या पूजा विधि
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत रखें। इसके साथ ही व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर में पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक और प्रसाद के साथ पूजन करें। इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके बाद विधि-विधान से आरती करें। इसके बाद विष्णु भगवान को पीले रंग की मीठी चीज से भोग लगाए। 

मौनी अमावस्या पर कैसे करें स्नान?
सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें। सबसे पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें। इसके बाद ही स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्र पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। फिर अपने सामर्थ्थ के अनुसार दान-पुण्य करें।

इस तरह करें पीपल की पूजा, कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव मिटेगा, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

 

Latest Lifestyle News