Mata Vaishno Devi: हर साल माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं। माता के दर्शन के लिए कटरा में इन यात्रियों को यात्रा का रजिस्ट्रेशन करवाना होता है, जिसके बदले उन्हें एक पर्ची दी जाती है। लगभग 62 सालों से ये व्यवस्था चली आ रही है। लेकिन अब ये सर्विस खत्म होने वाली है क्योंकि श्राइन बोर्ड कि तरफ से अब माता के दर्शन के लिए यात्रियों को पर्ची की जगहरेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID ) कार्ड दिया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं RFID क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करना है साथ ही जानिए इस नए सर्विस से क्या मिलेगा फायदा।
एक अगस्त से शुरू होगा नया सर्विस
श्राइन बोर्ड के मुताबिक पर्ची के जरिए जुलाई महीने तक ही यात्रा की अनुमति होगी। इसके बाद ये पर्ची सिस्टम बंद हो जाएगा। एक अगस्त से यात्री पर्ची की बजाय नई आरएफआईडी (RFID) सर्विस को शुरू कर दिया जाएगा। यानि अगर आप अगले महीने माता के दर्शन के लिए जाने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको यात्री पर्ची लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जानिए क्या है RFID कार्ड?
आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सर्वर के साथ कनेक्ट होगा। इसके लिए कंट्रोल रूम होगा। इस कार्ड में भक्तों की तस्वीर के साथ पूरी तरह की जानकारी होगी। यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालु को श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से RFID कार्ड मिलेगा।
यात्रा के बाद लौटाना होगा कार्ड
यात्रा पूरी करने के बाद श्रद्धालु को इस कार्ड को वापस करना होगा। सबसे खास बात यह है कि इस कार्ड को मेट्रो टोकन की तरह कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
फ्री मिलेगा कार्ड
श्राइन बोर्ड की तरफ से श्रद्धालुओं को यह कार्ड फ्री में दिया जाएगा।
ऑनलाइन यात्रा पंजीयन
जो श्रद्धालु ऑनलाइन यात्रा पंजीयन करवाएंगे उन श्रद्धालुओं को आधार शिविर कटड़ा पहुंचते ही फोन पर मैसेज मिल जाएगा कि उसे कितने बजे और किस काउंटर पर जाकर RFID कार्ड लेना है।
इस नए सर्विस से ये होगा फायदा
- यात्रा के दौरान किसी तरह का दुर्व्यवहार और किसी के लापता होने के मामलों पर रोक लगेगा।
- भीड़ को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
- श्राइन बोर्ड प्रशासन कंट्रोल रूम से भीड़ पर नजर रखेंगे।
- यात्रियों की पहचान भी आसानी से की जा सकेगी।
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