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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Masik Durga Ashtami 2022: कब है फाल्गुन मास की मासिक दुर्गाष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Masik Durga Ashtami 2022: कब है फाल्गुन मास की मासिक दुर्गाष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

फाल्गुन मास में मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व 10 मार्च 2022 को मनाया जाएगा।

Masik Durga Ashtami 2022- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Masik Durga Ashtami 2022

Highlights

  • मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इस तरह करें पूजा।
  • अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत करने का विधान है।

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत करने का विधान है । ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ जो भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है, देवी मां की कृपा से उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है साथ ही जीवन में चल रही किसी भी तरह की समस्या का समाधान निकल जाता है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 

कब है फाल्गुन मास की मासिक दुर्गाष्टमी?

फाल्गुन मास में मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व 10 मार्च 2022 को मनाया जाएगा। इस दिन ही पूजा की जाएगी। 

मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त

  • अष्टमी तिथि आरंभ: 10 मार्च गुरुवार,  सुबह 2 बजकर 56 मिनट से शुरू
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 11 मार्च शुक्रवार, सुबह 5 बजकर 34 मिनट तक

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पूजा सामग्री की लिस्ट

  • लाल चुनरी
  • लाल कपड़ा
  • मौली
  • श्रृंगार का सामान
  • दीपक
  • घी/ तेल
  • धूप
  • नारियल
  • चावल
  • कुमकुम
  • फूल
  • देवी की प्रतिमा या फोटो
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • बताशे या मिसरी
  • कपूर
  • फल-मिठाई
  • कलावा

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मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

  1. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण कर लें।
  2. इसके बाद पूजा घर को गंगाजल छिड़क उसकी शुद्धि कर लें।
  3. उसके बाद एक चौकी में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। 
  4. अब देवी मां को जल अर्पित करें। 
  5. इसके बाद मां दुर्गा को लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार चढ़ाएं फिर लाल रंग का पुष्प,पुष्पमाला और अक्षत अर्पित करने के बाद मां दुर्गा को सिंदूर से टीका लगा दें। 
  6.  मां दुर्गा को एक पान के पत्ते में लौंग, सुपारी, इलायची, बताशा रख कर चढ़ा दें।
  7. भोग के रूप में कोई मिठाई चढ़ाएं और फिर जल अर्पित करें। 
  8. इसके बाद घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां दुर्गा चालीसा का पाठ करके विधि-विधान के साथ मां की आरती करें
  9. अंत में आपके द्वारा की गई गलतियों के लिए क्षमा मांग लें। 

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