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Masik Durga Ashtami 2022: 9 मई को है मासिक दुर्गाष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Masik Durga Ashtami 2022: आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Masik Durga Ashtami 2022- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/ SHREE_GANESHJI Masik Durga Ashtami 2022

Highlights

  • प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है।
  • इस बार यह तिथि 9 मई को पड़ रही है।

Masik Durga Ashtami 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। लेकिन वैशाख शुक्ल अष्टमी का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा के अपराजिता स्वरूप की प्रतिमा को कपूर और जटामासी युक्त जल से स्नान कराने और स्वयं आम्ररस से, यानी आम के रस से स्नान करने का महत्व है। ऐसा करने से आपके पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहेगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ जो भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है, देवी मां की कृपा से उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 

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कब है मासिक दुर्गाष्टमी?

मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व 9 मई 2022 को मनाया जाएगा। 

मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि 9 मई की शाम 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। 

पूजा सामग्री की लिस्ट

  • लाल चुनरी
  • लाल कपड़ा
  • मौली
  • श्रृंगार का सामान
  • दीपक
  • घी/ तेल
  • धूप
  • नारियल
  • चावल
  • कुमकुम
  • फूल
  • देवी की प्रतिमा या फोटो
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • बताशे या मिसरी
  • कपूर
  • फल-मिठाई
  • कलावा

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मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

  • मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण कर लें।
  • इसके बाद पूजा घर को गंगाजल छिड़क उसकी शुद्धि कर लें।
  • उसके बाद एक चौकी में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। 
  • अब देवी मां को जल अर्पित करें। 
  • इसके बाद मां दुर्गा को लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार चढ़ाएं फिर लाल रंग का पुष्प,पुष्पमाला और अक्षत अर्पित करने के बाद मां दुर्गा को सिंदूर से टीका लगा दें। 
  •  मां दुर्गा को एक पान के पत्ते में लौंग, सुपारी, इलायची, बताशा रख कर चढ़ा दें।
  • भोग के रूप में कोई मिठाई चढ़ाएं और फिर जल अर्पित करें। 
  • इसके बाद घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां दुर्गा चालीसा का पाठ करके विधि-विधान के साथ मां की आरती करें
  • अंत में आपके द्वारा की गई गलतियों के लिए क्षमा मांग लें। 

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