ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के रत्नों का बहुत महत्व है। रत्न शास्त्र में माणिक्य को सूर्य का रत्न कहा गया है। यही वजह है कि माणिक्य यानी यह सूर्य से संबंधित क्षेत्रों में शुभ फल प्रदान करता है। माणिक्य स्वभाव में बहुत ही ताकतवर होता है और सूर्य की तरह भाग्य चमका देता है। इसे धारण करने वाले जातक को जीवन में सफलताएं मिलती हैं और उसका समाज में मान सम्मान बढ़ता है।
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ज्योतिषशास्त्र कहता है कि वो जातक जिनकी राशि अथवा लग्न सिंह, मेष, वृश्चिक, कर्क एवं धनु है उनके माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इस रत्न को धारण करने से गलत विचारों को कंट्रोल करने में सफलता मिलती है। इसे धारण करने वाला जातक सूर्य की भांति तेज पाता है और उसे हर काम में सफलता मिलती है।
ज्योतिष के अनुसार माणिक्य धारण करने के ये फायदे हैं -
- जातक की क्रिएटिविटी बढ़ती है
- नेतृत्व क्षमता बढ़ जाती है
- समाज में मान सम्मान बढ़ता है
- आत्मविश्वास बढ़ता है
- आंखों की रौशनी बढ़ती है
- पिता और परिवार से रिश्ते सुधरने लगते हैं
- पर्सनेलिटी को निखारने में जातक को मदद मिलती है।
- हड्डियां मजबूत होती हैं
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किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए माणिक्य -
ज्योतिषी कहते हैं कि कन्या, मकर, मिथुन, तुला और कुम्भ लग्न में माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इनकी राशियों के स्वामियों से सूर्य की शत्रुता का भाव रहता है।
इतना ही नहीं जो लोग शनि से संबंधित क्षेत्र में काम करते हैं जैसे लोहा, वाहन, तेल, कोयला आदि, ऐसे लोगों को भी माणिक्य बिलकुल धारण नहीं करना चाहिए।
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डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इसलिए इस रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिष या रत्नों की विशेषता जानने वाले एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।
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