महावीर जयंती शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। आज यानी 14 अप्रैल को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। यह जैनों का सबसे प्रमुख त्योहार होता है और ये लोग इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। भगवान महावीर ने कई ऐसे सिद्धांत अहिंसा, जीव दया के साथ-साथ मानव हित के बारे में बताया है जिन्हें अपनाने से समृद्ध जीवन, सुख शांति और जीवन में सफलता मिलती है। तो आइए जानते हैं उन सिद्धांतों के बारे में।
अहिंसा
भगवान महावीर अहिंसा के राह पर चलते थे। उनका ऐसा मानना था कि संसार में जितने भी जीव है उनके साथ हिंसा नहीं करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें अपने रास्ते पर जाने से नहीं रोकना चाहिए। इनके प्रति आदर-प्रेम भाव रखना चाहिए और उनकी मदद भी करनी चाहिए। इसलिए किसी भी जीव को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए। ऐसा करने से आपको ही नुसकान होता है।
हमेशा सच बोलें
भगवान महावीर का दूसरा सिद्धांत है सच, महावीर जी का कहना है कि इंसान को सदैव सच की राह पर चलना चाहिए। किभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए, इससे आपको ही नुकसान हो सकता है। उनका कहना है कि जो बुद्धिमान व्यक्ति सत्य की ही आज्ञा में रहता है वह मृत्यु को तैरकर पार कर जाता है। इसलिए भगवान महावीर के इस सिद्धांत को अपनाकर आपको सत्य की राह पर चलना चाहिए। इसमें ही आपकी,आपके परिवार की भलाई है।
अपरिग्रह
भगवान महावीर का तीसरा सिद्धांत अपरिग्रह है अपरिग्रह। इस बारे में भगवान महावीर का कहना है कि जीवन में अपरिग्रह का होना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति की इच्छाएं पर कंट्रोल रखने के लिए और शांतिपूर्वक जीवन जीने के लिए अपरिग्रह का होना बेहद ही जरूरी है। इसलिए अधिक चीजों का संग्रह करता है जितना आपको जरूरत हो उतना ही लें।
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