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Magh Maas 2022: माघ माह में जरूर करें ये खास काम, सुख-समृद्धि के साथ मिलेगी हर काम में सफलता

माघ महीने का भी बहुत महत्व है। जानिए इस महीने में कौन से कार्य किये जाने का विधान है, साथ ही इससे क्या शुभ फल मिलते हैं।

Magh Maas 2022 Doing these work in this month will give happiness property and money- India TV Hindi Image Source : PTI Magh Maas 2022 Doing these work in this month will give happiness property and money

Highlights

  • माघ महीने का भी बहुत महत्व है
  • माघ के दौरान भगवान विष्णु के किन मंत्रों का आपको जप करना चाहिए

माघ का महीना चल रहा है | माघ माह की शुरुआत 18 जनवरी को हुई थी जो 16 फरवरी को समाप्त होगी | शास्त्रों में जिस प्रकार कार्तिक महीने का महत्व बताया गया है, उसी प्रकार माघ महीने का भी बहुत महत्व है। जानिए इस महीने में कौन से कार्य किये जाने का विधान है, साथ ही इससे क्या शुभ फल मिलते हैं। 

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, चंद्रमास के हिसाब से माघ वर्ष का ग्यारहवां महीना, जबकि सौरमास के हिसाब से ये वर्ष का दसवां महीना है । इस महीने की पूर्णिमा के मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण ही इस महीने को माघ मास कहा जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है। पूरे माघ के दौरान माधव नाम से भगवानकी पूजा करने और उनके मंत्रों का जप करने से व्यक्ति को जीवन में हर तरह की सफलता मिलती है । उसे कभी भी किसी हार का सामना नहीं करना पड़ा है।

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  • माघ के दौरान भगवान विष्णु के किन मंत्रों का आपको जप करना चाहिए। इसलिए आप - ऊँ माधवाय नमः या ऊँ नमो भगवते नारायणाय मंत्र का जाप करें। 

माघ मास मुख्यतः स्नान-दान के लिये महत्व रखता है। शास्त्रों के अनुसार माघ में पवित्र नदियों या तीर्थस्थलों पर स्नान करने से भगवान बहुत ही प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर इच्छा को पूरा करते हैं। इस महीने में स्नान को माघ स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस स्नान की महत्ता को बताते हुए कहा भी गया है
प्रीतये वासुदेवस्य सर्व पापानुत्तये।
माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्ग लाभाय मानवः।।

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अतः हर तरह की नकारात्मकता से छुटकारा पाने के लिये और भगवान वासुदेवकी प्रीति पाने के लिए हर मनुष्य को माघ स्नान करना चाहिए।इससे व्यक्ति को स्वर्ग के समान लाभ मिलता है।

  • माघ मास के दौरान ज्यादा प्रयाग में गंगा और यमुना के संगम पर स्नान पुण्यकारी माना गया है। स्वयं देवतागण भी इस दौरान प्रयाग में आते हैं-

माघ मासे गमिष्यन्ति गंगा यमुन संगमे।
ब्रह्मा विष्णु महादेव रुद्रादित्य मरूद्गणा:।। 

अर्थात ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य तथा मरूद्गण माघ मास में गंगा-यमुना के संगम पर गमन करते हैं। लेकिन जो लोग प्रयाग जाकर लाभ ना उठा सकें, उन्हें घर पर ही सुबह जल्दी उठकर सामान्य पानी से नहाकर भगवान की पूजा-अर्चना करके लाभ जरूर उठाना चाहिए। शास्त्रों में ऐसी व्यवस्था भी दी गई है, कि जो लोग पूरे महीने भर माघ स्नान ना कर सके या माघ के बाकी नियमों का पालनना कर सके, उन लोगों को महीने में तीन बार अथवा एक बार माघ स्नान करके लाभ जरूर उठाना चाहिए। माघ में किये तीन स्नान भी दस हज़ार अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाले होते हैं। इससे व्यक्ति को हर तरह की सिद्धि और हर क्षेत्र में विजय मिलती है। 

  • माघ में स्नान के साथ ही दान का भी बहुत महत्व है। माघ महीने में, विशेषकर कि माघ पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति किसी सुपात्र ब्राह्मण को दान करता है, उसे ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जो व्यक्ति माघ में ब्रह्मवैवर्त पुराण का पाठ करता है या माघ का माहात्म्य पढ़ता है, उस व्यक्ति को जीवन में लाभ ही लाभ मिलता है। 
  • माघ में तिल दान का भी महत्व है। इस महीने में जो व्यक्ति तपस्वियों को या ब्राह्मणों को तिल दान करता है, वह बड़े आनन्द से जीवन बीताता है। तिल के अलावा इस महीने में गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र दान करके भी पुण्य फलों की प्राप्ति की जा सकती है। 
  • जो लोग अपने परिवार की सुख-शांति और खुशहाली कायम रखना चाहते हैं, उन्हें माघ महीने के दौरान परिवार के साथ मिलकर काले तिलों से हवन कराना चाहिए।
  • माघ महीने में कल्पवास का भी विशेष महत्त्व है। दरअसल माघ के दौरान संगम के तट पर निवास को कल्पवास कहते हैं। बड़े-बड़े साधु-संत वहां पर रहकर वेद, यज्ञ आदि कार्य करते हैं। आपको बता दूं कि अपने-अपने मत से कुछ लोग ये कल्पवास पौष शुक्ल एकादशी से आरम्भ करके माघ शुक्ल एकादशी तक जारी रखते हैं, जबकि कुछ लोग पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक कल्पवास करते हैं ।

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