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मांगलिक दोष दूर करने के लिए घड़े से क्यों कराया जाता है विवाह? यहां जानिए

भारत में कई जगहों पर मांगलिक दोष दूर करने के लिए कुंभ यानी घड़े से विवाह कराने की परंपरा है।

kumbh vivah- India TV Hindi Image Source : TRIMBAKESHWAR.ORG kumbh vivah

Highlights

  • मंगल ग्रह के कमजोर होने के चलते मांगलिक दोष बनता है
  • कई जगहों पर कुंभ से विवाह कराकर दोष कम करवाने का प्रयास होता है

मांगलिक होना हमारे देश में बहुत बड़ी बात है।ज्योतिष की बात करें तो मंगल के कमजोर होने के चलते कोई जातक मांगलिक होता है और इसका उसके विवाह और दांपत्य जीवन पर पड़ता है। यूं तो मंगल ग्रह को खुद अविवाहित कहा जाता है लेकिन यही मंगल कई बार विवाह संबंधी परेशानियां पैदा करते हैं जिसके चलते जातकों को मांगलिक कहा जाता है।

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वो जातक जिनका मंगल कमजोर होने के कारण उनके विवाह में दिक्कत आती हैं, उन्हें अक्सर मांगलिक दोष दूर करने के लिए कुंभ विवाह यानी घड़े से विवाह की सलाह दी जाती है। इसका ज्योतिष शास्त्र में उल्लेख है और देश के कई राज्यों में बाकायदा कुंभ विवाह कराया जाता है।

चलिए जानते हैं कि कैसे कुंभ विवाह यानी घड़े से विवाह करने पर मांगलिक दोष से राहत पाई जा सकती है।

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि यदि किसी लड़की की कुंडली में मांगलिक दोष के चलते दो विवाह का योग बन रहा हो तो शादी से पहले विधि विधान से निर्जीव वस्तु यानी घड़े से विवाह कराकर उस घड़े को तोड़ दिया जाता है | इस तरह से ये लड़की की पहली शादी मानी जाएगी और दूसरी शादी किसी अन्य से करा दी जाएगी। 

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मांगलिक दोष के उपचार  के लिए कुम्भ विवाह को सार्थक माना गया है। मांगलिक दोष के चलते यदि लड़की की कुंडली में वैधव्य योग हो तो उसका पहला विवाह घड़े से कराकर उस घड़े को पति का दर्जा दिया जाता है। यहां ज्योतिषी कहते हैं कि घड़े को गैर मांगलिक जीवनसाथी का दर्जा देकर विवाह कराया जाता है ताकि लड़की के वैधव्य योग का प्रभाव घड़े पर ही उतर जाए।

कहा जाता है कि इस विवाह के बाद मांगलिक दोष काफी हद तक प्रभावहीन हो जाता है। इसके बाद कन्या की शादी किसी सामान्य या मनचाहे वर से की जाए तो दांपत्य जीवन में तकलीफें नहीं आती, ऐसा ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है।

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घड़े से विवाह को ज्योतिष शास्त्र में ‘मंगल दोष’, ‘वैधव्य दोष’ और ‘विष योग’ के उपचार के रूप में देखा जाता है। ये सारे दोष कुंभ अपने ऊपर लेता है और कन्या की कुंडली में दोष कम होते हैं। 

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इसलिए पहले एक बार ज्योतिष से सलाह जरूर लें। 

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