घर बनवाते समय कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इससे घर की सुख समृद्धी पर काफी फर्क पड़ता है। वास्तुशास्त्र में घर की सीढ़ियों के निर्माण का अपना विशेष महत्व है। यदि घर में गलत दिशा में सीढ़ियों का निर्माण कराया गया है तो इसका सीधा असर घर की सुख समृद्धी पर पड़ता है।
घर का आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि का स्थान होता है, जिसके स्वामी दैत्य गुरु श्री शुक्राचार्य हैं। परन्तु अग्नि का स्थान होने से मंगल देव का भी इस पर समान आधिपत्य है। यह स्थान घर में रसोई, विद्युत उपकरण आदि के लिए सबसे अच्छा स्थान माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण, ईशान व वायव्य से ऊंचा व नैऋत्य से नीचा रहना चाहिए। आग्नेय कोण का किसी भी दिशा में बढ़ना शुभ नहीं होता है। इसे केवल वर्गाकार या आयताकार रूप दिया जा सकता है। घर के आग्नेय कोण में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करवाना चाहिए। इस कोण में सीढ़ियां बनवाने से संतान के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।