Jaya Parvati Vrat 2022: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का काफी महत्व होता है। कई ऐसे व्रत होते हैं, जिन्हें करने से आपको बेहद लाभ मिलता है। हर व्रत के अलग-अलग विधि-विधान होते हैं। ऐसा ही एक व्रत होता है जया पार्वती का। इस व्रत को 'विजया व्रत' के नाम से भी जाना जाता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 'जया पार्वती व्रत' रखा जाता है। यह व्रत खासतौर पर सुहागिन महिलाएं और अविवाहित कन्याएं रखा करती हैं।
इस साल जया पार्वती व्रत 11 जुलाई 2022 सोमवार को मनाया जाएगा। इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित कन्याओं को ये व्रत रखने से मनचाहा पति प्राप्त होता है। इस दिन अविवाहित कन्याएं और विवाहित महिलाएं बालू या रेत का हाथी बनाकर उस पर 5 दिन तक 5 तरह के फल, फूल और प्रसाद चढाती हैं। सभी महिलाएं इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। ये व्रत 5 दिनों तक चलता है।
जया पार्वती व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार जया पार्वती व्रत आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से शुरू होकर कृष्ण पक्ष की तृतीया तक चलती है। सोमवार को यह 11 बजकर 13 मिनट पर हो होगा और अगले दिन 12 जुलाई को सुबह 07 बजकर 46 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
जय पार्वती व्रत की विधि
- जय पार्वती व्रत के दिन स्त्रियां सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करके पूजा स्थल को साफ करें।
- मंदिर में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें, फिर कुमकुम, रोली, चंदन, फूल चढ़ाकर पूजा करें।
- इस दिन नारियल, अनार तथा अन्य सामग्री चढ़ाकर पूजा करने से व्रत का पूरा लाभ मिलता है।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए माता पार्वती और भगवान शिव का ध्यान करें।
व्रत में क्या न करें
- जय पार्वती व्रत के दिन गलती से भी नमक या नमक की चीज़ों का सेवन न करें।
- जय पार्वती व्रत के दिन अनाज और सब्जियां बी नहीं खानी चाहिए।
व्रत में क्या करें
- जय पार्वती व्रत के दौरान फल और दूध से बनी मिठाइयां खाई जा सकती हैं।
- जय पार्वती व्रत के समाप्त होने के दौरान मंदिर में पूजा के बाद नमक, गेहूं के आटे से बनी रोटी या पूरी और सब्जी खाकर व्रत का उद्यापन किया जाता है।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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