A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022: जानिए सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर से जुड़ी कुछ खास बातें

Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022: जानिए सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर से जुड़ी कुछ खास बातें

आइए गुरु तेग बहादुर की जयंती के मौके पर आज हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी खास बातें।

Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/ HARPREETMATHAROO_ Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022

Highlights

  • गुरु तेग बहादुर सिंह ने साल 1665 में आनंदपुर साहिब शहर बनाया।
  • श्री बहादुर सिंह ने 115 शब्द भी लिखे हैं।

गुरु तेग बहादुर सिंह सिख धर्म के नौवें गुरु हैं और 21 अप्रैल को उनकी जयंती मनाई जाएगी। 18 अप्रैल 1621 में जन्मे श्री तेग बहादुर हरगोबिंद साहिब के सबसे छोटे पुत्र थे। गुरु तेग बहादुर सिंह का जन्म बैसाख कृष्ण पंचमी को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनको योद्धा गुरु के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अथक संघर्ष किया। वह मानवता, बहादुरी, मृत्यु, गरिमा और बहुत कुछ के बारे में अपने विचारों और शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं जिन्हें गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है।

Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022: गुरु तेग बहादुर जयंती पर ऐसे भेजें करीबियों और दोस्तों को Wishes, SMS और Quotes

सिख समुदाय में श्री बहादुर सिंह को बड़ी ही श्रद्धा से याद किया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि उनके बचपन का नाम त्यागमल है। जब वो केवल 14 साल के थे तब ही उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर मुगलों के खिलाफ जंग लड़ी थी। उनकी  24 नवंबर 1675 को  हत्या कर दी गई थी। आइए गुरु तेग बहादुर की जयंती के मौके पर आज हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी खास बातें।

  1. गुरु तेग बहादुर सिंह हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाए जाने के सख्त खिलाफ रहे और खुद भी इस्लाम कबूलने से मना कर दिया था।
  2. जब मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में लोगों को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया गया था। उस समय, उन्होंने गैर-मुसलमानों को जबरन मुस्लिम बनाए जाने का विरोध किया था जिसके बाद औरंगजेब के आदेश पर उनकी दिल्ली में हत्या कर दी गई। 
  3. गुरु तेग बहादुर सिंह के बचपन का नाम त्यागमल था। लेकिन कम उम्र में ही मुगलों के खिलाफ बहादुरी से जंग लड़ने की वजह से उन्हें तेग बहादुर का नाम दे दिया गया जिसका मतलब होता है तलवार का धनी।
  4. उनके निष्पादन और दाह संस्कार के स्थलों को बाद में दिल्ली में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब नाम के सिख पवित्र स्थानों में बदल दिया गया। उनकी फांसी का दिन 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  5. जहां उनकी हत्या की गई थी उस जगह को बाद में गुरुद्वारा शीश गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब नाम के सिख पवित्र स्थानों में बदल दिया गया। 
  6. गुरु तेग बहादुर सिंह ने साल 1665 में आनंदपुर साहिब शहर बनाया और उसको बसाया। वह गुरुबाणी, धर्म ग्रंथों के साथ-साथ शस्त्रों और घुड़सवारी भी जानते थे।
  7. इतना ही नहीं उन्होंने 115 शब्द भी लिखे हैं जो अब पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का हिस्सा हैं। 

Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022: जानिए गुरु तेग बहादुर के कुछ अनमोल विचार, जो आपको देंगे सही राह

 

Latest Lifestyle News