ग्रह प्रवेश करते समय ध्यान रखनी चाहिए ये बातें, घर परिवार में हमेशा रहेगी शांति औऱ बरकत
हर इंसान जिंदगी में अपने घर का सपना देखता है और उस सपने के पूरा होने पर ग्रह प्रवेश सबसे खास पल होता है।
अपना घर बनाना हर इंसान का सपना होता है। लोग धन जमा करके सपनों का घर बनाते हैं और फिर उसमें आनन्द से रहते हैं। हिंदू धर्म में नए घर में प्रवेश के लिए खास मुहुर्त निकाला जाता है और बाकायदा ग्रह प्रवेश किया जाता है। ग्रह प्रवेश के भी कुछ नियम है जिनका पालन किया जाए तो घर हमेशा लाभ कराता है।
चलिए जानते हैं ग्रह प्रवेश के नियम, जिनका पालन जरूर करना चाहिए
- गृह प्रवेश के लिये शुभ मुहूर्त जरूर देखना चाहिए, किसी पंडित से समय निकलवाना सही रहता है।
- रविवार और शनिवार के दिन ग्रह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
- होली से पहले ग्रह प्रवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि नए घर में पहली होली नहीं जलाई जाती।
- दीपावली से पहले, नवरात्रि के मौके पर ग्रह प्रवेश के दिन उत्तम होते हैं।
- गृह प्रवेश के दिन निराहार रहकर, स्नान आदि के बाद पवित्र होकर वस्त्र-आभूषण आदि धारण करके, परिवार और यजमानों के साथ प्रवेश करना चाहिए।
- शुभ मुहूर्त देखकर घर को फूलों, तोरण और पताका आदि से सजाना चाहिए।
- ग्रह प्रवेश से पहले घर के द्वार को किसी साफ और कोरे वस्त्र से ढकना चाहिए और कलश आदि स्थापित करना चाहिए।
- सबसे पहले देहली जिसे चौखट कहा जाता है, उसका पूजन करना चाहिए।
- देहली पूजन के लिये सौभाग्यशाली स्त्रियों और ब्राह्मण को आगे रहना चाहिए।
- ग्रह प्रवेश के लिए पति पत्नी भी साथ मिलकर आगे रह सकते हैं।
- देहली का पूजन करके दिक्पाल, क्षेत्रपाल और ग्राम देवता का पूजन करके, उन्हें प्रणाम करना चाहिए।
- फिर मुख्य द्वार से गृह प्रवेश करना चाहिए।
- ग्रह प्रवेश करते समय सबसे पहले दायां पैर ही अंदर रखना चाहिए।
- ग्रह प्रवेश के समय योग्य पंडित से हवन करवाना चाहिए और नवग्रह शांति करवानी चाहिए।
- ग्रह प्रवेश की पूजा के बाद रसोई में सबसे पहले घर की ग्रहणी को दूध उबालना चाहिए औऱ ध्यान रखें कि दूध उबल कर बर्तन से बाहर गिरे ताकि घर में अन्न और धन की कभी कमी ना रहे।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।