स्लीप एपनिया से हैं परेशान तो स्वामी रामदेव द्वारा बताए गए इन योगासनों से पाएं आराम
जब खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, कार्बन डाईऑक्साइड जमा होने लगती है तो सोते-सोते सांस कुछ सेकंड्स के लिए रुक जाती है और ऐसे हालात में अगर नींद ना टूटे तो जान भी चली जाती है।
अक्सर आपने देखा होगा सफर के दौरान लोग बस-ट्रेन में गाड़ियों में झपकी लेते नजर आते हैं। कई बार उनके खर्राटे भी काफी तेज सुनाई देते हैं। उन्हें देखकर लगता है कि महीनों से सोए नहीं हैं।
जब हमेशा नींद आती रहे, खर्राटे तेज हों और झटके से नींद टूट जाए तो ये नींद से जुड़ा ब्रीदिंग डिसऑर्ड स्लीप एपनिया है। दरअसल जब खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, कार्बन डाईऑक्साइड जमा होने लगती है तो सोते-सोते सांस कुछ सेकंड्स के लिए रुक जाती है और ऐसे हालात में अगर नींद ना टूटे तो जान भी चली जाती है।
ऐसे लोगों की रात में बार-बार नींद टूटती क्यों है, शरीर में ऑक्सीजन की कमी क्यों होती है स्लीप एपनिया की गिरफ्त में आते कैसे हैं इसकी मुख्य वजह है मोटापा, थायराइड, टॉन्सिल्स और हाइपरटेंशन, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि ये क्योरेबल नहीं है। ये नेचुरल तरीके से पूरी तरह ठीक हो सकता है। योगासन और कुछ चीजों के सेवन से इसे ठीक किया जा सकता है तो चलिअ स्वामी रामदेव से जानते हैं इनके बारे में-
स्लीप एपनिया के लिए करें ये आसन-
त्रिकोणासन- इस आसन को करने तनाव और चिंता कम होती है। कमर और पीठ दर्द से निजात मिलता है। इसके साथ ही वजन कम करने में मदद करता है। सीना चौड़ा और मजबूत होता। मांसपेशियों को मजबूत होती है। शरीर को लचीला बनाता है। इस आसन को करीब 50 से 100 बार करना चाहिए।
स्थित कोणासन- इस आसन को करने से मस्तिष्क स्वास्थ्य रहता है। अच्छी नींद में मददगार , वजन कम करें, कमर, जांघ को चर्बी करें कम, रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाएं। इसे करीब 50 से 100 बार जरूर करें।
भुजंगासन- इस आसन को करने से हार्ट समस्या, एंजाइटी, अनिद्रा आदि से निजात दिलाने में मदद करता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है। शरीर की थकावट दूर करें। तनाव से मुक्ति दिलाएं। मोटापा कम करने के मदद के साथ शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है।
अर्द्ध हलासन- इस आसन को करने से मांसपेशियां मजबूत होती है। वजन कंट्रोल करने में मदद करें। पाचन क्रिया को ठीक रखें और डायबिटीज को भी कंट्रोल करने में मदद करें।
द्विचक्रीय आसन- इस आसन को करने से दिमाग शांत रहता है। कमर दर्द से दूर भगाने के लिए लाभदायक। इसके साथ ही अच्छी नींद दिलाने में करें मदद।
पादवृत्तासन- मन-मष्तिष्क को शांत करें। टेंशन को कम करने में सहायक, शरीर को सुडौल बनान में मददगार, पैरों में दर्द, थकान और कमजोरी को करें कम, पाचन क्रिया को करें सक्रिय, डायबिटीज को करें कंट्रोल, हार्ट और फेफड़ों को रखें हेल्दी।
भस्त्रिका- इस प्राणायाम को करने से शारीरिक और मानसिक रूप से शांति मिलती है। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते है। दिमाग एक्टिव हो जाता है। जिसके साथ ही मन शांत हो जाता है। कुंडलिनी को जाग्रत करता है।
कपालभाति- इस प्राणायाम को करने से रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत होता है। दिमाग को एक्टिव करता है। कपालभाति कुंडलिनी को जाग्रत कर देता है। याददाश्त तेज होती है। इसे 5 से 10 मिनट करें।
अनुलोम-विलोम- इससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है। शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते है। शरीर में शुद्ध ऑक्जीसन प्रवाहित होती है। तनाव, डिप्रेशन आदि से निजात मिलता है।
त्राटक- इस क्रिया को करने से आपका दिमाग शांत होता है। एकाग्रता बढ़ती है।