मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था । इसी कारण आज गीता जयंती भी मनायी जाती है ।
मोक्षदा एकादशी को भगवान विष्णु के दामोदर रूप की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के शंख, गदा, चक्र और पद्मधारी रूप को दामोदर की संज्ञा दी गयी है। शास्त्रों के अनुसार स्वंय भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा है कि
इस दिन तुलसी की मंजरी, धूप-दीप आदि से भगवान दामोदर का पूजन करना चाहिए।
Mokshada Ekadashi 2021: मोक्षदा एकादशी आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित है एक अक्षय वट वृक्ष जिसके बारे में मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता ज्ञान देकर पूरे संसार को जीवन जीने की कला सिखलाई थी।
मान्यता है कि ये अक्षय वट वृक्ष महाभारत काल का है। वैसे तो देश भर से श्रद्धालु इस पेड़ के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन गीता जयंती पर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है। इससे कुछ ही दूरी पर ब्रह्मसरोवर है। यहां स्नान करने की भी बड़ी मान्यता है।
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