हिंदू धर्म में अगले जन्म की परिकल्पना पर आधारित गरुण पुराण का काफी महत्व है। कहा जाता है कि पक्षीराज गरुण के पूछे गए प्रश्नों के जवाब में भगवान विष्णु ने जो उपदेश दिए, गरुण पुराण उसी पर रचा गया है। व्यक्ति के इस जन्म में किए गए कर्मों के आधार पर अगले जन्म में वो क्या बनकर पैदा होगा, गरुण पुराण इसकी विस्तृत व्याख्या करता है। घऱ में किसी की मृत्यू होने पर आमतौर पर गरुण पाठ कराया जाता है।
ऐसे ही गरुण पुराण में स्त्री पुरुष के संबंधों पर भी काफी कुछ लिखा गया है। मसलन पत्नी संग बुरा व्यवहार करने वाले व्यक्ति अगले जन्म में क्या बनते हैं।
गरुण पुराण कहता है कि स्वार्थवश या किसी अन्य कारण से अपनी पत्नी पर मिथ्या आरोप लगाकर उसका परित्याग करने वाला पति अगले जन्म में चक्रवाक यान चकवा बनता है। कहते हैं कि इस पक्षी की आवाज बहुत कर्कश होती है और यह दिन भर मादा पक्षी के साथ रहता है लेकिन रात होने पर ये अलग हो जाते हैं।
कालिदास ने अपनी विरह रचना में चकवा चकवी का वर्णन किया है कि कैसे चकवा अपने पुराने कर्मों के चलते अपनी चकवी से दूर रहने की पीड़ा भोगता है।
Disclaimer - उपरोक्त आर्टिकल गरुण पुराण के कथनों और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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