Sawan Vrat: कुंवारी कन्या सावन के व्रत में न करें ये काम, जान लें ये नियम व्रत होगा सफल
आज से सावन का महीना शुरू हो चुका है। इस माह में शिवजी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना, जलाभिषेक करके उनका आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। कुंवारी कन्याओं को सावन सोमवार का व्रत करने से महादेव जैसे पति की प्राप्ति होती है।
Sawan Vrat: आज से सावन की शुरुआत हो गई है। वहीं पंचांग के अनुसार सावन का महीना शुभ मुहूर्त में आरंभ हुआ है। जिस कारण इस बार के सावन का महत्व और बढ़ गया है। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस माह में श्रद्धा और भक्तिभाव से भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि पूर्वक उपासना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन 11 अगस्त को समाप्त होंगे और सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है। मान्यता है कि कुंवारी कन्याओं को सावन सोमवार का व्रत जरूर करना चाहिए। साथ ही विधि-विधान से पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से भोलेनाथ की कृपा से यकीनन महादेव जैसे पति की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है। इन दिन भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से शिव की कृपा मिलती है। जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं सावन के सोमवार का व्रत महिलाओं और कन्याओं के लिए खास महत्वपूर्ण बताया गया है। कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं। वहीं कुछ नियमों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। अगर इन नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया जाए तो व्रत का पूरा फल नहीं मिलता।
कैसे करें भगवान शिव की पूजा
सावन के सोमवार को सुबह जल्दी उठें, घर की साफ-सफाई करें। सफाई करने के बाद स्नान करें। स्नान के पानी में काला तिल या गंगा जल डालकर स्नान करें। इसके बाद भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग की पूजा करें। शिवलिंग पर जल या पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक के पश्चात धतूरा, भांग बेलपत्र, जनेऊ चढ़ाएं। पूजा के पश्चात ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
कुंवारी कन्या सावन के व्रत में न करें ये काम
कुंवारी कन्या भगवान शिव को हल्दी और तुलसी के पत्ते कभी न चढ़ाएं। सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिए पांच माला का जाप करें और कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना के लिए पांच माला का जाप ॐ नमः शिवाय मंत्र के साथ करें।
क्या करें क्या ना करें
- सावन व्रत के वक्त सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इन दिनों में सादे नमक की जगह सेंधा नमक ही खाना चाहिए।
- सावन के दिनों में केवल मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। इसी के साथ साबूदाना खिचड़ी और डेयरी उत्पाद जैसे- पनीर, दूध, दही, छाछ आदि का सेवन कर सकते है।
- सोमवार का व्रत करने वाले लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करना चाहिए।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल का पंचामृत बनाकर अभिषेक करें।
- सावन में सोमवार व्रत की कथा जरूर सुनें।
- सावन व्रत में अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवार के व्रत में मैदा, आटा, बेसन, सत्तू आदि इन चीजों का सेवन न करें।
- इसी के साथ सावन माह में मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन का सेवन भी भूलकर न करें।
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