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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Chanakya Niti: इस चीज के भय से अंदर ही अंदर घुटता रहता है इंसान, छिन जाता है सुख-चैन

Chanakya Niti: इस चीज के भय से अंदर ही अंदर घुटता रहता है इंसान, छिन जाता है सुख-चैन

अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

chanakya niti- India TV Hindi Image Source : INDIA TV चाणक्य नीति 

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार इंसान के अंदर सबसे बड़े भय को लेकर है।  

चाणक्य कहते हैं कि किसी भी भय से बड़ा बदनामी का भय बड़ा होता है। मौजूदा वक्त में हर कोई मान-सम्मान के साथ जीना चाहता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को इस बात का डर हमेशा परेशान करता रहता है कि कहीं वो ऐसा कुछ न कर बैठे जिससे उसे बदनाम होना पड़े। क्यूंकि लोगों के बीच   मान-सम्मान पाना आसान नहीं होता है।  जब व्यक्ति को बदनामी का भय सताने लगता है तो उसका सुख-चैन सब छिन जाता है।

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बदनामी ऐसा भय है जो व्यक्ति के सिर पर हावी पर हो जाता है। अपनों के साथ समाज से भी दूरी बनवा देता है। ऐसा व्यक्ति मानसिक दवाब में जीता है और किसी के साथ जल्दी घुल-मिल नहीं पाता है। बदनामी के डर से वह खुद को कैद तक कर सकता है। 

इसलिए जीवन में जब भी अंतरआत्मा सचेत करे तो एक बार ठहर कर विचार जरूर करें कि क्या कुछ गलत होने जा रहा है या कुछ गलत कर रहा हूं। व्यक्ति का एक गलत फैसला उसे बदनामी के रास्ते पर ले जाता है। इसलिए फैसला हमेशा सोच-समझकर ही लेना चाहिए।

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