आचार्य चाणक्य को श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माना जाता है। आचार्य चाणक्य को धर्म, राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र आदि तमाम विषयों की गहन जानकारी थी। चाणक्य द्वारा कई शास्त्रों की रचना भी की गई जो आज भी मानव के लिए उपयोगी हैं। उनके लिखें शास्त्रों में नीतिशास्त्र की बातें आज भी जनमानस में बेहद लोकप्रिय और चर्चित हैं।
आचार्य चाणक्य ने सुख-समृद्धि, धनलाभ, सफल व्यक्ति बनने की कई नीतियां बताई हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक नीति में बताया कि अगर मां लक्ष्मी की कृपा चाहते हैं तो किन बातों का ध्यान रखें। इसी तरह आचार्य ने एक श्लोक के माध्यम से बताया है कि किन जगहों से मां लक्ष्मी खुद चलकर आती हैं।
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श्लोक
मूर्खा: यत्र न पूज्यंते धान्यं यत्र सुसंचितम्।
दाम्पत्यो: कलहो नास्ति तत्र श्री स्वयमागता।।
आचार्य चाणक्य ने अपने इस श्लोक में कहा कि उस घर से धन की देवी लक्ष्मी स्वयं वहां चली आती है जहां पर मूर्खो का सम्मान न दिया जाता हो, अनाज का अच्छे से भण्डारण किया जाता हो और पति- पत्नी के बीच लड़ाई झगड़ा न होता हो।
आचार्य चाणक्य के अनुसार लक्ष्मी मां वहीं पर निवास करती हैं। जहां पर मूर्खों की सेवा न की जाती हो। जहां पर सिर्फ ज्ञानियों का सम्मान होता हो और इनकी हर बात को माना जाता हो। जहां पर एक भी दाना फेंका न जाता है और अन्न का भंडारण ठीक ढंग से न किया हो और जिस घर में पति-पत्नी हमेशा लड़ते रहते हैं, जहां क्लेश हमेशा बनी रहती हैं, वहां पर लक्ष्मी कभी नहीं रुकती हैं। इसलिए इन तीनों बातों का ध्यान रखें और कभी भी मूर्खों का साथ न करें, थाली में थोड़ा सा भी खाना न छोड़े और वैवाहिक जीवन को सुख और शांति के साथ बिताएं।
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