Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी समाज और परिवार में जीने के सलीके सिखाती हैं। आचार्य चाणक्य ने समयकालीन अनुभवों के आधार पर आकलन करते हुए पैसे, सेहत, बिजनेस, दांपत्य जीवन, समाज, जीवन में सफलता से जुड़े तमाम चीजों पर अपनी राय दी है जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है, ये हमेशा मुसीबत के समय में सही सलाह देती हैं।
आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि क्या हैं वो चीजें जो मुश्किल समय में लड़ने की ताकत देती है।
श्लोक
संसारातपदग्धानां त्रयो विश्रान्तिहेतवः।
अपत्यं च कलत्रं च सतां संगतिरेव च॥
भावार्थ
सांसारिक ताप से जलते हुए लोगों को तीन ही चीजें आराम दे सकती हैं - संतान, पत्नी तथा सज्जनों की संगति
पुत्र
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जिस व्यक्ति के पास ऐसा पुत्र हो जो अपने माता-पिता का ख्याल रखता हो और सही रास्ते में चलकर अपने लक्ष्य को पाता है, ऐसा पुत्र आने वाले समय में अपने माता-पिता के साथ-साथ समाज का भी नाम रोशन करता है। इसलिए चाणक्य जी कहते हैं कि ऐसा पुत्र हो तो व्यक्ति का पूरा जीवन सुख के साथ बीत जाता है।
पत्नी
आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की पत्नी सुशील और संस्कारी हो तो उसका पूरा जीवन सुख के साथ बीत जाता है। ऐसी पत्नी इंसान के हर सुख-दुख में साथ देने के साथ-साथ मुश्किल समय में आपके सामने ढाल की तरह खड़ी रहती हैं।
सही संगति
अक्सर लोग गलत और सही का फर्क नहीं कर पाते हैं। ऐसे में यदि कोई दुराचारी, दुष्ट स्वभाव या फिर दूसरों को हानि पहुंचाने वाले व्यक्ति से मित्रता कर लेता है तो यह आपके भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दोस्त सोच समझकर बनाएं।
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