Chanakya Niti: आचार्य विष्णुगुप्त जिन्हें दुनिया आचार्य चाणक्य के नाम से भी जानती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में सफल जीवन के कई मंत्र दिए हैं। उन्होंने अपनी नीतियों को राजनीति शास्त्र की कालजयी पुस्तक अर्थशास्त्र में संजो कर रखा है। यदि एक सफल जीवन के लिए उनकी बातों को अमल में लाया जाए तो इंसान को कभी जीवन में परेशानी का सामना नहीं करना होगा। आइए आज की चाणक्य नीति में जानते हैं, कि वह कौन से अवगुण हैं जिसने होने से इंसान की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है, "अहंकार, वासना और लालच इंसान की बुद्धि को पूरी तरह भ्रष्ट कर देते हैं"
आचार्य चाणक्य ने इस कथन के मुताबिक, जिन लोगों के अंदर अहंकार, वासना और लालची से अवगुण होते हैं उनकी बुद्धि का विकास कभी नहीं हो पाता है। आचार्य के मुताबिक, एक अहंकारी व्यक्ति को कभी सही और गलत का फर्क नजर नहीं आता क्योंकि उसे लगता है कि वो जो भी करता है सही ही करता है।
वहीं जो लोग वासना के अधीन हैं, उन्हें शारीरिक सुख के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता। इसके अलावा लालच में पड़ा व्यक्ति हर जगह रुपये कमाने के ही चक्कर में फंसा रहा है। उसकी नजर दूसरों के पैसों पर टिकी रहती है।
इस तरह आचार्य चाणक्य ने जीवन में बुद्धि के विकास के लिए अहंकार, वासना और लालच को सबसे बड़ा अवगुण माना है और समय रहते हुए उनसे दूरी बना लेने की बात कही है।
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