Chanakya Niti: तक्षशिला विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के आचार्य रहे आचार्य विष्णुगुप्त जिन्हें दुनिया आचार्य चाणक्य के नाम से भी जानती है। उन्होंने अपनी नीतियों में सफल जीवन की कई युक्तियों को सुझाया है। उनकी बाते आज के वक्त भी उतनी ही प्रासंगिक लगती हैं, जितनी उनकी अपने दौर में थी। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। आचार्य चाणक्य द्वारा दी गई नीतियों में आज जानेंगे कि हमें किन लोगों का साथ छोड़ देना चाहिए।
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।
दु:खिते सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति।।
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि कभी भी मूर्ख शिष्य को उपदेश नहीं देना चाहिए। इसके अलावा चरित्रहीन स्त्री का पालन-पोषण करना या दुखी व्यक्ति के साथ रहने से आप सदैव परेशान ही होती हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए जो दुखी और निराश रहते हैं। ये लोगों के आसपास नकारात्मक ऊर्जाएं घर कर जाती हैं। ऐसे लोगों की संगत आपके विकास को रोक देती है। इसलिए जरूरी है कि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो सदैव ऐसे लोगों की संगत करें जो उत्साह, ऊर्जा और सकारात्मक विचारों से भरे हुए हों।
ये भी पढ़ें -
Latest Lifestyle News