भले ही आपको आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। भागदौड़ भरी जिंदगी में आप इन विचारों को नजरअंदाज ही क्यों न कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने ऐसी दो चीजों के बारे में बताया है जो हर इंसान को जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं।
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ।' - आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन के अनुसार जीवन में सिर्फ दो ही चीजें ऐसी होती हैं जिनके आधार पर आपको जीवन जीना चाहिए। इनमें से एक ज्ञान है और दूसरी अनुभव है। चाणक्य जी कहते हैं कि यदि आपको जीवन अच्छी तरह से जीना है तो ज्ञान और अनुभव दोनों का होना बेहद जरूर है। बिना ज्ञान के मनुष्य उस कुएं में होता है जहां से बाहर निकलना हर किसी के लिए मुश्किल होता है। बिना ज्ञान वाला इंसान ना ही समाज में अपने आपको साबित कर पाता है और ना ही वो अपने पैरों पर बिना किसी डर के सिर उठाकर चल सकता है।
असल जिंदगी में मनुष्य को कई चीजों का अर्थ तब समझ आता जब वह उस परिस्थिति में हो। किताबों में तो इंसान केवल ज्ञान हासिल करता है। जब कोई मनुष्य किसी भी परिस्थिति में होता है तो उसके दिमाग में कई सारी चीजें चलती हैं। उस समय वह उससे बाहर निकलने के लिए कोई न कोई कदम जरूर उठाता है। ऐसे में कदम केअच्छे या फिर बुरे, दो ही नतीजे होते हैं। इन्हीं नतीजों से मनुष्य को अनुभव होता है।
दरअसल, ज्ञान और अनुभव एक सिक्के के दो पहलू हैं। इंसान के पास ज्ञान तो होता है लेकिन उसे अनुभव तभी होता है जब वो उस स्थिति में जिए। इसलिए चाणक्य जी कहते हैं कि मनुष्य की जिंदगी में जितना ज्ञान जरूरी है उतना ही अनुभव। मनुष्य को जीवन जीने के तरीके में अनुभव मदद करता है। इसके साथ ही ये भी सिखाता है कि मनुष्य को किस स्थिति में क्या फैसला लेना चाहिए। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने अपने नीति में बताया है कि ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ।
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