आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों के कारण देश-दुनिया में प्रसिद्ध हैं। उनकी हर एक नीति इंसान को सफलता प्राप्त करने के साथ सही रास्ते में चलने के लिए प्रेरित करती हैं। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि किस तरह के लोग जल्द ही नष्ट हो जाते हैं।
Chanakya Niti: ऐसे लोगों के बीच रहने वाला व्यक्ति हमेशा रहता है दुखी, कही आप भी तो....
श्लोक
परस्परस्य मर्माणि ये भाषन्ते नराधमाः।
ते एव विलयं यान्ति वल्मीकोदरसर्पवत्॥
भावार्थ :
जो व्यक्ति परस्पर एक-दूसरे की बातों को अन्य लोगों को बता देते हैं वे बांबी के अन्दर के सांप के समान नष्ट हो जाते हैं ।
Chanakya Niti: ऐसे घरों में हमेशा होता है मां लक्ष्मी की वास, कभी नहीं होती धन की कमी
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में ऐसे लोगों के बारे में बताया है जो भविष्य में अकारण ही नष्ट हो जाते हैं। संसार में भिन्न-भिन्न तरह के लोग होते हैं। हर एक व्यक्ति का स्वभाव अलग-अलग होता है। कई लोग हर किसी को प्रेम करके अपना जीवन खुशहाली से जीते हैं। वहीं हमारे आसपास कई ऐसे लोग होते हैं जो आपसे ईर्ष्या करके खुद का ही खून जलाते रहते हैं। इसके अलावा हमारे समाज में कई ऐसे लोग भी होते हैं जो आपके द्वारा सुनी बातों को अन्य लोगों को भी बता देते हैं। ऐसे लोगों के पेट में कोई भी बात रुकती नहीं हैं। ऐसे लोग दूसरों के साथ-साथ खुद के लिए भी खतरनाक होते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी की भी गुप्त बातें किसी अन्य व्यक्ति को बता देना पाप के समान है। इस चीज का फल उसे अपने जीवन में जरूर भोगना पड़ता है। उस व्यक्ति का मान-सम्मान, धन, परिवार हर एक चीज नष्ट हो जाती हैं। इतना ही नहीं उसका अंत एक सांप की तरह होता है जो अपने बांबी में ही परलोक सिधार जाता है।
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से लोगों को ये बताने का प्रयास किया है कि किसी भी व्यक्ति की बात को अन्य व्यक्ति को नहीं बतानी चाहिए। क्योंकि हो सकता है कि आपके द्वारा बताई गई बात से उस व्यक्ति को धन या फिर जीवन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़े।
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