आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों को बहुत ही सोच-समझ कर लिखा है। उनके द्वारा बताई गई हर एक नीति का मनुष्य के जीवन से किसी न किसी तरह से जरूर संबंध होता है। इसी कारण आज भी उनकी नीतियां उतनी ही फेमस है, जितना जब इसे लिखा गया था। इन नीतियों से मानव जीवन को सही दिशा मिलती है।
आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन संबंधी कई बातों का उजागर किया है। इसी तरह उन्होंने एक नीति में बताया है कि मनुष्य के जन्म लेने से पहले की कुछ चीजें उसके भाग्य में लिख दी जाती हैं।
Chankya Niti: मनुष्य के पास मौजूद ये चीज उन्हें बनाती है महान, कभी न छोड़े इसका साथ
श्लोक
आयुः कर्म वित्तञ्च विद्या निधनमेव च।
पञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः॥
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अर्थ
आयु, कर्म, वित्त, विद्या, निधन ये पांचों चीजें प्राणी के भाग्य में तभी लिख दी जाती हैं, जब वह गर्भ में ही होते है ।
आचार्य चाणक्य ने अपने इस श्लोक के द्वारा बताने की कोशिश की है कि जब कोई मनुष्य मां के गर्भ में होता है तब ही उसके भाग्य का निधारण हो जाता है। जन्म से पहले ही उसकी उम्र, कर्म, आर्थिक स्थिति, विद्या के साथ-साथ मृत्यु का समय लिख दिया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि भाग्य में जो लिखा है उसे आप कभी मिटा नहीं सकते हैं। अगर आपके कर्मों में लिखा होगा कि आपको एक उम्र तक कष्ट या सुख मिलेगा तो वह जरूर मिलेगा। इतना ही नहीं आप कितने साल तक जिएंगे और कब मौंत होगी इस बारे में पहले ही भाग्य में लिख दिया जाता है। इसीतरह आपको कितनी विद्या और धन मिलेगा इस बारे में भी आपके भाग्य में लिखा होता है। ऐसे में आप चाहे जितनी कोशिश कर लें आपने भाग्य से ज्यादा या कम नहीं पा सकते हैं। इसलिए इंसान को अपने जीवन को बहुत ही सदाचार होकर जीना चाहिए। जिससे अगले जन्म में आप सुख-समृद्धि के साथ समय को व्यतीत कर पाएं।
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