आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के दौर में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उनके अपने दौर में थी। आज कल की जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज़ कर दिया जाता है लेकिन यह सफल जीवन के लिए बेहद जरूरी हैं। अपने नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने बताया है कौन सी चीजें आपके सुख शांति का नाश कर सकती हैं।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, हमें किसी की उतनी कदर करनी चाहिए जितनी वह इंसान आपकी कदर करता है। बहुत ज्यादा कदर करना आपके सुकून को तबाह कर सकता है।
आचार्य की बातों को मानें तो हमें लोगों की उतनी ही कदर करनी चाहिए, जितनी वे आपकी करते हैं। जरूरत से ज्यादा किसी की कद्र करने पर आपके सुख और चैन नष्ट हो जाते हैं। क्योंकि यदि आपके कदर में थोड़ी सी भी कमी आई तो दूसरे ही वह इंसान नाराज हो सकता है।
ऐसे में सामने वाले को आपको अपने जीवन में उतनी ही अहमियत देनी चाहिए जितनी कि वो आपको देता है। अगर आप इसके ठीक उलट काम करेंगे तो उससे आपको तकलीफ होगी। हो सकता है कि शुरुआत में आपको इस बात से फर्क ना पड़े। लेकिन जैसे जैसे वक्त बीतता जाएगा आपकी तकलीफ बढ़ती जाएगी। ऐसा करना आपके सुकून को भी तबाह कर सकता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि किसी की उतनी कदर करें जितनी कि वो आपकी करता है बेहिसाब कदर आपका सुकून को तबाह कर देगा।
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