आचार्य चाणक्य की नीतियां भले ही कई लोगों को सही न लगे लेकिन उनके द्वारा बताई गई कई बातें जीवन में किसी न किसी तरीके से सच्चाई जरूरी दिखाती हैं। भागदौड़ भरी जिदंगी में उनके कई विचार हम जरूर अनदेखा कर दें लेकिन अगर उन्हें ध्यान रखें जाए तो जरूर आपको हर कसौटी में खरे उतारेंगे।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसे व्यक्तियों के बारे में बताया है जो हमेशा असलफल होने के साथ-साथ दुखी रहते हैं।
Chanakya Niti: इन पांच जगहों पर बिल्कुल भी न करें निवास, वरना करना पड़ेगा मुश्किलों का सामना
श्लोक
अनागतविधाता च प्रत्युत्पन्नमतिस्तथा।
द्वावेतौ सुखमेवेते यद्भविष्यो विनश्यति॥
भावार्थ :
जो व्यक्ति भविष्य में आने वाली विपत्ति के प्रति जागरूक रहता है और जिसकी बुद्धि तेज़ होती है, ऐसा ही व्यक्ति सुखी रहता है। इसके विपरीत भाग्य के भरोसे बैठा रहने वाला व्यक्ति नष्ट हो जाता है।
चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में कहा है जो व्यक्ति किसी भी आने वाली विपत्ति का डटकर मुकाबला करता है और जिसकी बुद्धि ऐसे समय में तेजी से काम करने लगती है तो वह उस मुसीबत को जरूर हरा देता है और सुखी रहता है। इसके विपरीच जो व्यक्ति ये सोचकर बैठा रहता है कि जो भाग्य में लिखा है वह तो होगा ही तो वह जरूर बर्बाद हो जाता है और अंत में उसे दुख ही प्राप्त हो जाता है।
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