राजनीति शास्त्र के आचार्य चाणक्य की अपनी नीतियों के जरिए जीवन जीने के सफल मंत्रों को सुझाते हैं। उनके विचार भले ही कठोर लगे लेकिन एक सफल जीवन के लिए उन्हें अपनाना बेहद जरूरी हैं। आचार्य चाणक्य द्वारा दिए उनके विचारों में आज चाणक्य नीति में जानेंगे कि कौन सी वो तीन चीजें हैं जिनसे जरिए इंसान सब कुछ सीख लेता हैं।
'भूखा पेट, खाली जेब और झूठा प्रेम..इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य की मानें तो - भूखा पेट, खाली जेब और झूठा प्रेम ये ऐसी चीजें हैं जिनके जरिए इंसान सब कुछ सीख लेता है। आइए जानते हैं कैसे?
- आचार्य चाणक्य की बातों पर गौर करें तो हम पाएंगे कि अगर किसी को भूख लगी हो तो आप उसे अपनी बातों में उलझा नहीं सकते। ऐसा इसलिए क्योंकि खाना एक ऐसी चीज है जिसके बिना किसी का भी जिंदा रहना मुश्किल है। अन्न ग्रहण करने से शरीर ऊर्जा मिलती है जिसकी वजह से उस इंसान को सोचने और समझने की शक्ति मिलती है। भूखे पेट होने की वजह कोई भी इंसान कार्य नहीं कर सकता है यदि उससे ऐसी उम्मीद की जाती हैं कि वह कार्य भूखे पेट करेंगा, तो यह मूर्खता होगी। जब किसी को भूख लगी होती है तो उसे सिर्फ और सिर्फ खाना ही चाहिए होता है।
- आचार्य चाणक्य की मानें तो अगर किसी व्यक्ति के पास धन नहीं होता है तो वह दूसरों के सहारे हो जाता है। किसी के ऊपर आश्रित होना अपने अस्तित्व के लिए एक सवाल जैसा है। फिर चाहे खाना हो या फिर जरूरत की कोई भी चीज। जरूरी नहीं कि सामने वाला आपकी मदद करें।
- अपने कथन में आचार्य चाणक्य ने जिस तीसरी चीज पर जोर दिया है वह है झूठा प्रेम। झूठा प्रेल लोगों को बहुत कुछ सिखा जाता है। आप झूठे प्रेम को लाख कोशिशों के बाद भी लोगों की नजरों से छुपा नहीं सकते। इस तरह के प्रेम में केवल औपचारिकता रह जाती हैं यह प्रेम मन से नहीं होता है। इसी वजह से लोग झूठे प्रेम को आसानी से समझ जाते हैं। लेकिन इतना जरूर है कि ये तीनों चीजों इंसान को असल जिंदगी के उस पहलू से अवगत कराती हैं जिसका सामना आपको बहुत कुछ सिखा के जाता है।
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