आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी समाज और परिवार में जीने के सलीके सिखाती हैं। आचार्य चाणक्य ने समयकालीन अनुभवों के आधार पर आकलन करते हुए पैसे, सेहत, बिजनेस, दांपत्य जीवन, समाज, जीवन में सफलता से जुड़े तमाम चीजों पर अपनी राय दी है जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है, ये हमेशा मुसीबत के समय में सही सलाह देती हैं।
ऐसे में आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने उन बातों का जिक्र किया है जिसे मनुष्य को किसी बाहर वाले के सामने बताना नहीं चाहिए।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि किसी इंसान को व्यापार में पैसों का नुकसान हो जाए तो कभी भी दूसरों के सामने इसका जिक्र नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपके विरोधी आपको कमजोर मानकर आप पर हावी हो सकते हैं और दूसरे लोग आपको बेकार समझकर आपसे दूरी बना लेंगे। इसलिए अपने नुकसान की बात किसी को न बताएं और किसी से भी अपनी आर्थिक स्थिति का जिक्र ना करें।
- चाणक्य जी कहते हैं कि यदि किसी की पत्नी में अवगुण हो या वो आपके साथ लड़ाई करती हो, तो ये सारी बातें दूसरों को न बताएं। ऐसा करने वाले व्यक्ति का समाज में छवि खराब हो सकता है और आपका दांपत्य जीवन दूसरों के लिए मजाक का विषय बन जाएगा।
- अगर किसी व्यक्ति ने आपको धोखा दिया है तो भी इस बात का भी जिक्र दूसरों के सामने न करें। ऐसा करने पर लोग आपको कमजोर दिमाग या उदार समझकर आपके साथ धोखेबाजी कर सकते हैं। इसलिए ऐसी बातों को दूसरे से बताकर अपनी छवि को न गिराएं। इससे समाज में आपकी स्थिति कमजोर होगी और लोग आपकी बातों को गंभीरता से नहीं लेंगे।
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