चैत्र नवरात्र 2022 का प्रारंभ 2 अप्रैल यानी शनिवार से हो रहा है। इस दौरान पहले दिन मां के लिए घट स्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना करते वक्त और पूजा करते समय कुछ खास बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। बहुत लोग नवरात्रि की पूजा पंडितों से कराते हैं तो कुछ लोग मां दुर्गा की पूजा स्वयं करते हैं।
ऐसे में अगर आप स्वंय पूजा कर रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
- शुभ महुर्त ही में घट स्थापना करनी चाहिए, इसलिए पहले पंडित जी से या अखबारों में शुभ मुहुर्त की जानकारी ले लें।
- घट स्थापना के लिए केवल साफ स्थान से ही मिट्टी लानी चाहिए।
- मिट्टी में साफ और पूरे जौ बोना चाहिए और पानी की बूंदें छिड़कना चाहिए।
- कलश मिट्टी का होना चाहिए इसमें जौ अच्छी तरह से उपजते हैं।
- कलश पर हमेशा लाल चुनरी ढकिए।
- कलश के ऊपर रखा नारियल भगवान गणेश का प्रतीक है। ध्यान रहे नारियल का मुख पूजा कर रहे व्यक्ति की तरफ रहे।
- कलश के पास एक दीपक जलाकर रखें
- अगर आप अखंड दीपक रख रहे हैं तो चौबीस घंटे उस दीपक की निगरानी रखिए चाहिए, ये नौ दिनों तक ज्योति बुझनी नहीं चाहिए।
- अगर आप अखंड दीपक नहीं रख रहे हैं तो पूजा जब तक करें तब तक कोशिश करें कि आपका दीपक जलता रहे
- मां के सोलह श्रंगार का सामान पूरी तरह चैक करके ही पूजा में रखिए।
- अगर व्रत रखे हैं तो रोज मां को भोग लगाकर ही प्रसाद ग्रहण करें।
- इन नौ दिनों में रोज पूजा करते समय परिवार के साथ मां की आरती जरूर करें।
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