माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इसे बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है है। इस खास पर्व में विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती हैं। इस बार बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी, शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थी, जिसके कारण इस उत्सव को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन संस्कार, कोई नई विद्या आरंभ करना, कोई नया काम शुरू करना, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश या अन्य कोई शुभ काम करना अच्छा माना जाता है।
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बसंत पंचमी के दिन जहां एक ओर कई मांगलिक काम करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। उसी तरह कई ऐसे काम हैं जो इस दिन करने की मनाही होती है। जानिए इनके बारे में।
बसंत पंचमी के नियम - बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि जब सरस्वती अवतरित हुई थीं उस वक्त ब्रह्मांड में लाल, पीली और नीली आभा हुई थी। सबसे पहले पीली आभा दिखी थी। इसलिए मां सरस्वती का प्रिय रंग पीला है। लेकिन इस दिन भूलकर भी काले, लाल या फिर रंग-बिरंगे के वस्त्र न पहनें।
- बसंत पंचमी के दिन मांस-मंदिरा से दूरी बनाकर रखें। इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती हैं। इसलिए किसी को भी अपशब्द न कहें और न ही किसी का अपमान करें। इसलिए मन में जरा सा भी बुरे विचार न लाए।
- शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। इसलिए इस दिन स्नान करके मां सरस्वती की पूजा करके ही कुछ ग्रहण करें।
- बसंत पंचमी के दिन से बसंत ऋतु भी शुरू हो जाती हैं। इसलिए इस दिन पेड़-पौधों की कटाई-छटाई भी नहीं करनी चाहिए।
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