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यश बल, धन-धान्य की न हो कमी, तो ऐसे करें मां कुष्मांडा की पूजा

मां कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं। इनकी आराधना करने से भक्तों को तेज, ज्ञान, प्रेम, ऊर्जा, वर्चस्व, आयु, यश, बल, आरोग्य और संतान का सुख प्राप्त होता है। जानिए इनकी पूजा विधि के बारें में।

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इनकी पूजा करने के बाद देवी कूष्माण्डा की पूजा करे। इसके बाद हाथों में फूल लेकर मां को प्रणाम कर इस मंत्र का ध्यान करें-

सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु

इसके बाद मां कुष्मांडा के इस मंत्र का जाप करें-

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां की पूजा के बाद महादेव और परमपिता ब्रह्मा जी की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा करें। इस दिन सच्चें मन से पूजा करने से आप सभी भय से मुक्त हो जाता है। साथ ही आपके घर कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

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